शराब कारोबारी विजय माल्या को देश वापस लाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब इंटरपोल की मदद ले सकता है. इसके लिए ठीक वही तरीका अपनाया जा सकता है, जैसे बीते साल इंडोनेशिया से छोटा राजन को भारत लाया गया था.
मुंबई की एक अदालत ने सोमवार को माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है. इसके साथ ही ईडी के लिए माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस भेजने का रास्ता भी खुल गया. इससे माल्या को किसी भी देश में गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का अधिकार होगा.
2 मार्च को माल्या ने छोड़ा था देश
देश के करीब 17 बैंकों से 9000 करोड़ रुपये लोन लेकर न चुकाने वाले कारोबारी विजय माल्या ने बीते 2 मार्च को देश छोड़ दिया था. माल्या ने ईडी की ओर से कोर्ट में पेशी को लेकर भेजे तीन समन नजर अंदाज किए, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिया.
बैंकों ने ठुकराया था माल्या का प्रस्ताव
विजय माल्या ने इसके ईडी से जांच में शामिल होने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि वह भागे नहीं हैं और कानून का सम्मान करते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बैंकों के सामने एक प्रस्ताव भी रखा था, जिसमें सितंबर 2016 तक 4000 करोड़ रुपये जमा कराने की बात कही गई थी, हालांकि बैंकों ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया.
सीबीआई के जरिए इंटरपोल से संपर्क करेगा ईडी
ईडी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया है, इससे माल्या की कस्टडी मिलना आसान हो गया है, ईडी जल्द ही सीबीआई के जरिए इंटरपोल से संपर्क करेगा, ताकि माल्या के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.'