राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने दी गई अर्जी में आज ईडी ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत का विरोध किया. ईडी ने कहा कि अब तक की जांच में डीके शिवकुमार ने कोई सहयोग नहीं किया है. अर्जी में ईडी ने कहा कि हमें 8 से 10 घंटे पूछताछ करनी थी लेकिन डीके शिवकुमार सिर्फ 4 घंटे ही पूछताछ के लिए मौजूद रहे. इसके बाद वह रेस्ट मांग लेते थे.
ईडी के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने किसी भी सवाल का जवाब सीधे-सीधे नहीं दिया. वो पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब सही से नहीं दे रहे थे. संविधान के अनुच्छेद 21 में राइट ऑफ साइलेंट यानी जवाब ना देने का अधिकार है लेकिन इस तरह की गंभीर जांच में राइट ऑफ साइलेंस नहीं हो सकता.
ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि डीके शिवकुमार की कुछ प्रॉपर्टी के बारे में पता चला है. इनमें बड़े पैमाने पर एग्रीकल्चर लैंड है. शिवकुमार के भाई के पास 27 प्रॉपर्टी का पता चला है जिसमें से 10 नगद पैसे देकर खरीदी गईं. लिहाजा जांच अभी बहुत ही संवेदनशील स्थिति में है और ऐसे में जमानत ना देना मामले की जांच के हित में बहुत जरूरी है. डीके शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं.