scorecardresearch
 

Opinion: ओबामा के भारत दौरे में भी दिखी महारथी मोदी की झलक

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारत दौरा इस मायने में हमेशा याद रखा जाएगा कि किसी बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष ने इतना खुलकर भारत और यहां की उच्च परंपराओं की प्रशंसा की है.

Advertisement
X
बराक ओबामा
बराक ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारत दौरा इस मायने में हमेशा याद रखा जाएगा कि किसी बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष ने इतना खुलकर भारत और यहां की उच्च परंपराओं की प्रशंसा की है. उन्होंने भारत अमेरिकी संबंधों को नया आयाम देने की कोशिश की और जनता से घुल मिल गए. उन्होंने युवा वर्ग की आकांक्षाओं को छुआ, भारतीय महिलाओं की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की और भारत की जनता पर अपना विश्वास जताया.

Advertisement

राष्ट्रपति ओबामा के पूरे दौरे में गर्मजोशी दिखी और उन्होंने यह जताने की कोशिश नहीं की कि वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति हैं और इस तरह से दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति भी हैं. यह उनका दूसरा दौरा था लेकिन इस दौरे में उन्होंने पिछली बार की तुलना में कहीं ज्यादा खुलकर अपने विचार रखे, कहीं ज्यादा अपनापन दिखाया और कहीं ज्यादा मित्रता का प्रदर्शन किया. उन्होंने भारत को अमेरिका का सबसे अच्छा दोस्त बताते हुए साथ चलने को कहा. इस दौरान उन्होंने भारत को कई अच्छी नसीहतें भी दीं. उन्होंने कहा कि जब तक भारत अपना धर्मनिरपेक्ष स्वरूप बनाए रखेगा जब तक वह प्रगति के रास्ते पर चलता रहेगा. उन्होंने क्लाइमेट चेंज का भी जिक्र किया और कहा कि भारत हालांकि कोई भी कदम उठाने को स्वतंत्र है लेकिन देर-सबेर उसे कुछ करना ही होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दोस्ती में जिम्मेदारी का भाव भी होना चाहिए.

Advertisement

ओबामा की तमाम बातें एक नए युग की शुरुआत कही जा सकती हैं. दोनों देशों के संबंधों में जो कड़वाहट आ गई थी वह घुल ही नहीं गई है बल्कि एक नई दोस्ती की शुरुआत हुई है. अमेरिका ने भारत का महत्व माना है और उसे सही जगह देने की बात की है. उसे पता है कि अगर वह भारत की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था को मदद देगा, नई टेक्नोलॉजी देगा और उसके साथ चलेगा तो यहां का विशाल बाज़ार उसके लिए खुल जाएगा. अमेरिका ही वह देश है जिसकी मदद से चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश इतने विकसित हो गए.

ओबामा ने इस दौरे में यह तय कर दिया है कि भारत को वह इस मोर्चे पर मदद देगा. अब आगे देखना है कि अमेरिका से कितना निवेश भारत आता है और भारत उसकी कितनी बातें मानता है. लेकिन एक बात तो माननी ही पड़ेगी पीएम मोदी ने जता दिया कि वह विदेशी मामलों के भी माहिर खिलाड़ी हैं. इतने कम समय में उन्होंने जो परिपक्वता दिखाई वह अद्भुत है. उन्होंने भारत की बेहतरीन मार्केटिंग की और जिस व्यक्तिगत व्यवहार से राष्ट्रपति ओबामा को जीत लिया वह काबिले तारीफ है. उन्हें पता है कि अगर भारत को तेजी से आगे बढ़ना है तो उसे अमेरिका को साथ लेकर चलना ही होगा क्योंकि अमेरिका ही ऐसा बड़ा देश है जिसके साथ हमारा व्यापार हमारे हक में है यानी हम वहां ज्यादा निर्यात करते हैं और वहीं से ज्यादा आयात भी करते हैं.

Advertisement
Advertisement