एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया यानी कि EGI ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की कि उसके वर्चुअल (जूम मीटिंग) वेबिनार को हैकर्स द्वारा बाधित किया गया था. EGI ने ट्वीट कर बताया कि हैकर्स के अटैक के चलते वेबिनार को 10 मिनट के भीतर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. एडिटर्स गिल्ड ने इस घटना की साइबर क्राइम सेल से जांच की मांग की है.
EGI ने बताया कि वेबिनार शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर हैकर्स ने पोर्नोग्राफिक समेत कई आपत्तिजनक कंटेंट वाली स्क्रीन शेयर कर दी. वेबिनार में भद्दे गानों वाली पोस्ट करना शुरू कर दिया. मीटिंग होस्ट ने गेस्ट की विंडो बंद करने की कोशिश की, लेकिन ऐसे कंटेंट और पोस्ट की संख्या बढ़ती रही.
ग्रुप चैट के साथ-साथ अश्लील सामग्री और अपमानजनक भाषा को भी स्क्रीन पर दिखाया गया. आखिरकार, मीटिंग में वक्ताओं को बोलने का मौका नहीं मिला. EGI ने कहा कि जूम मीटिंग में 5 मिनट के भीतर, हैकर्स ने अश्लील गाने और वीडियो पोस्ट करना शुरू कर दिया, जिसके चलते वेबिनार को बंद करना पड़ा.
एडिटर्स गिल्ड ने बताया कि वेबिनार में मालिनी सुब्रमण्यम, पीवी कोंडल राव, मिलिंद उमरे, तामेश्वर सिन्हा, फैसल अनुराग और पूर्णिमा त्रिपाठी शामिल सरीखे लोग शामिल थे. इन्होंने पिछले कुछ दशकों में मानवाधिकारों के हनन विषय पर काम किया है. जूम मीटिंग में वक्ता नक्सल इलाकों में रिपोर्टिंग का अनुभव बताने वाले थे.
EGI ने कहा कि 'गिल्ड इस साइबर अटैक से हैरान और परेशान है. वे स्पष्ट रूप से नहीं चाहते थे कि वक्ताओं की आवाज़ सुनी जाए. गिल्ड ने इसे बोलने की स्वतंत्रता पर एक हमले के रूप में देखा और मांग की कि साइबर क्राइम सेल इसकी जांच करे और दोषियों को सजा दे.'