जापान में इंजीनियरों को देश में परमाणु आपदा टालने के प्रयासों में उस समय थोड़ी प्रगति मिली जब उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र स्थित फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र को कुछ घंटे के अंतराल के बाद ठंडा करने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी.
इस बीच भूकंप के कारण देश में मरने वालों की संख्या 20 हजार से अधिक हो गई है. फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को संचालित करने वाले टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने कहा कि संयंत्र के रिएक्टरों को विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं लेकिन रिएक्टरों के कूलिंग प्रणाली को एक दिन में बहाल करना मुश्किल है.
कंपनी ने कहा कि रिएक्टर नम्बर तीन और चार में स्थित इस्तेमालशुदा ईंधन पुलों में पानी डालकर ठंडा करने का कार्य पहले की अपेक्षा अब आसानी से चल रहा है. कंपनी ने कहा था कि इंजीनियर रिएक्टर नम्बर एक और दो की इमारत को ऊर्जा केबल से जोड़ने में सफल हो गए हैं ताकि इस्तेमालशुदा ईंधन को ठंडा किया जा सके. उप कैबिनेट सचिव तेत्सुरो फुकुयामा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि स्थिति अब धीरे धीरे सुधर रही है.’ {mospagebreak}
सुबह के वक्त जापानी सेना ने रिएक्टर संख्या चार के इस्तेमाल किए जा चुके ईंधन के भंडार पर पहली बार पानी डाला. करीब 80 टन पानी डाला गया. क्योदो समाचार एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया कि यह अभियान करीब एक घंटे तक चला.
गौरतलब है कि इससे पहले टोक्यो दमकल विभाग ने रिएक्टर संख्या तीन के इस्तेमाल किए गए ईंधन के भंडार पर पानी उड़ेला था. यह कार्य देर रात किया गया जो करीब 13 घंटे तक चला. समझा जाता है कि इस रिएक्टर के ईंधन पर करीब 2,000 टन पानी उड़ेला गया.
टोक्यो में जापान की परमणु उद्योग सुरक्षा एजेंसी ने संवाददाताओं को बताया कि रिएक्टर संख्या तीन के ‘कंटेनमेंट पात्र’ में दबाव बढ़ रहा है, इसलिए हालात का जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है. उधर, टोक्यो इलेक्ट्रीक ने कहा कि वह दबाव घटाने के लिए फौरन कोई कदम नहीं उठाने जा रहा है. इस बीच, जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने कहा है कि भूकंप और सुनामी के बाद मरने या लापता होने वाले लोगों की संख्या 20,000 को पार कर गई है.