प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. जिसके बाद केंद्र सरकार दूसरे देशों से प्याज मंगवा रही है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, एमएमटीसी ने तुर्की से 4,000 टन प्याज आयात का एक और ऑर्डर दिया है. आयात की यह खेप जनवरी मध्य तक पहुंचेगी.
सरकार ने बुधवार को बयान जारी करते हुए कहा कि चार हजार टन का यह ताजा ऑर्डर 17,090 टन प्याज आयात के लिए पहले किए गए अनुबंध से अलग है जिसमें मिस्र से 6,090 टन और तुर्की से 11,000 टन प्याज का आयात करना शामिल है.
एमएमटीसी, सरकार की ओर से प्याज का आयात कर रही है. सरकार आयात सहित विभिन्न उपायों से इस प्रमुख सब्जी की घरेलू आपूर्ति में सुधार लाने का प्रयास कर रही है.
आयात से आपूर्ति बढ़ाकर प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं. देश के प्रमुख शहरों में प्याज की कीमतें 75-100 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर पर बनी हुई हैं.
बयान के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एमएमटीसी को प्याज के आयात के लिए तीन और टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है. तीन टेंडर में से दो देश-विशिष्ट हैं.
तुर्की और यूरोपीय संघ से प्याज का आयात किया जाना है जबकि एक वैश्विक टेंडर है. इन सभी टेंडर में से प्रत्येक टेंडर के तहत 5,000 टन प्याज का आयात किया जाएगा.
चीन-भारत में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन
बता दें कि पूरी दुनिया में होने वाले प्याज उत्पादन का लगभग 45 फीसदी चीन और भारत में होता है. इसके बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे प्याज उत्पादक देशों का क्रम आता है.हालांकि खाने के मामले में ये दोनों देश दुनिया के शीर्ष देशों में नहीं हैं. साल 2011 के संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के मुताबिक, लीबिया में प्रत्येक व्यक्ति साल में औसतन 33.6 किलो प्याज खाता है.
जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास
केंद्र सरकार ने जमाखोरी रोकने के प्रयास में तीन दिसंबर को खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक सीमा घटाकर क्रमशः 5 टन और 25 टन कर दी है. हालांकि, आयातित प्याज पर यह स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी.
मंत्रिमंडल ने घरेलू आपूर्ति में सुधार और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दी है. सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.