देशभर में ईद उ अजहा का त्योहार 29 जून को मनाया जाएगा. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश के साथ-साथ इंडोनेशिया और मलेशिया में इसी दिन बड़ी ईद मनाई जाएगी. ईद उ अजहा मु्स्लिमों का सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. इस दिन विशेष रूप से बकरे की कुर्बानी दी जाती है. जिसके कारण इसे कबरीद भी कहते हैं. बरकरीद की तारखी धुल हिज्जा महीने के चांद के दिखने पर निर्भर करती है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार जु-अल-हज्जा या धुल हिज्जा महीना 12वां महीना होता है.
माह ए जिलहिज्ज का चांद दिखा
लखनऊ में मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सोमवार (19 जून) को कहा कि माह ए जिलहिज्ज का चांद दिख गया है. बकरीद जून को मनाई जाएगी. चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने पीटीआई बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश होने और बादल छाए रहने की वजह से चांद नहीं दिख पाया है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में चांद दिखा है.
देशभर में 29 जून को बकरीद मनाई जाएगी
मुस्लिम धर्म में बकरीद बड़ा ही महत्वपूर्ण त्योहार है और इसे कुर्बानी का त्योहार कहा जाता है. इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया और वहां एक पशु की कुर्बानी दी गई थी जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है.
मुस्लिम धर्म में बकरीद बड़ा ही महत्वपूर्ण त्योहार
तीन दिन चलने वाले त्योहार में मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी हैसियत के हिसाब से उन पशुओं की कुर्बानी देते हैं, जिन्हें भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है. बकरीद पर गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है. बकरीद पर दी गई कुर्बानी के तीन हिस्से किए जाते हैं. इसमें से एक हिस्सा अपने लिए और बाकी दो हिस्से अपने करीबियों और गरीबों व जरूरतमंदों को दिए जाते हैं.