एमएसजी फिल्म केवल बाबा गुरमीत राम रहीम को ही देखनी चाहिए. इसके आठ कारण हैं.
1. पहले आपराधिक आरोपों से मुक्त होना चाहिए- अपने आपको भगवान के संदेशवाहक के रूप में प्रचारित करने से पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उन आपराधिक आरोपों को दूर करने की चिन्ता करनी चाहिए जिनका वो सामना कर रहे हैं. बाबा अपने आप को ईश्वर से जुड़ा कोई व्यक्ति कैसे बता सकते हैं जबकि उनके ऊपर बलात्कार, हत्या और अपने अनुयायियों को बड़े पैमाने पर नपुंसक बनाने के आपराधिक मामले चल रहे हैं.
2. फिल्म अंधविश्वास को बढ़ावा देगी- एमएसजी फिल्म में ईश्वर का संदेशवाहक बनकर गुरमीत राम रहीम चमत्कार दिखाते हुए बीमारियों का इलाज करते नज़र आएंगे. हरियाणा के संत रामपाल ने भी अपने अनुयायियों को बेवकूफ बनाने के लिए इस तरह की ट्रिक का इस्तेमाल किया था. वो सभी रोगों को दूर करने के लिए चमत्कारी पानी बेच रहा था. देखो उसका क्या हाल हुआ.
3. ये फिल्म केवल एक खास दर्शक वर्ग के लिए है- गुरमीत राम रहीम न तो बड़े धार्मिक नेता हैं और न ही कोई फिल्म अभिनेता. वो अपने लाखों अनुयायियों के बीच लोकप्रिय हो सकते हैं. लेकिन ऐसे वे पूरे समाज के लिए नहीं हैं. ये फिल्म केवल उनके वो अनुयायी देखेंगे जिन्होंने फिल्म के निर्माता की मदद करने के लिए पहले से ही टिकट बुक करा रखें हैं.
4. साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है- अगर ये फिल्म रिलीज़ होती है तो पंजाब और हरियाणा में साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है. कट्टरपंथी सिख नेता और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने इस फिल्म की रिलीज़ पर राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रखी है.
5. ये फिल्म लोगों को गुमराह करेगी- सेंसर बोर्ड के एक सदस्य के मुताबिक गुरमीत राम रहीम ने खुद को फिल्म में ईश्वर की तरह पेश किया है, जबकि वो खुद को एक आम इंसान बताते हैं. बोर्ड सदस्य ने इस फिल्म को बाबा राम रहीम का एक विज्ञापन ही बताया है. जो आम आदमी चमत्कारों में विश्वास रखता है उसे बाबा निर्दोष ही नज़र आएंगे. इंडियन नेशनल लोकदल के नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जिस तरह से बाबा फिल्म में लोगों को पीट रहे हैं उससे आतंक फैलेगा.
6. कर चोरी- इनेलो की खोजबीन के मुताबिक हकीकत एंटरटेनमेन्ट प्राइवेट लिमिटेड ने 60 करोड़ रुपए के फिल्म टिकट बेचे हैं और करीब 15 करोड़ रुपए की मनोरंजन कर की चोरी की है. ये कैसा चमत्कार है?
7. फिल्म बनाने के लिए दान का दुरुपयोग- गुरमीत राम रहीम ने इस फिल्म को बनाने में अनुयायियों से मिले दान का दुरुपयोग किया है. इनेलो का कहना है कि एमएसजी के निर्माण में अनुयायियों का दान किया गया पैसा लगा है और डेरा सच्चा सौदा उस पैसे पर आयकर छूट लेता है.
8. इस फिल्म के अगले भाग को मंजूरी देने में जल्दबाजी क्यों?- सेंसर बोर्ड ने मुख्य फिल्म को ही पास नहीं किया था. डेरा से जुड़े लोग फिल्म के अगले भाग यानी सीक्वल की शूटिंग तेज़ी के साथ पूरी करने में जुटे हैं. डेरा प्रमुख ने खुद कहा है कि इस फिल्म के सीक्वल की 60 फीसदी शूटिंग पूरी की जा चुकी है. गुरमीत का कहना है कि उन्होंने ये फिल्म थैलेसीमिया के मरीज़ों की मदद के लिए बनाई है. तो वो फिल्म बनाने के बजाय अपने अनुयायियों को सीधे उन मरीज़ों की मदद के लिए पैसा देने को क्यों नहीं कहते?