जम्मू कश्मीर और झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार थम गया. मंगलवार को दोनों राज्यों में वोट डाले जाएंगे. इस बीच जम्मू के अरनिया और कश्मीर के लाल चौक में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
जम्मू-कश्मीर में 18 सीटों के लिए होगा मतदान
दूसरे चरण में जम्मू और कश्मीर की 9-9 सीटों पर वोटिंग होगी. इन 18 सीटों में से सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के पास छह सीटें, कांग्रेस के पास तीन, पीडीपी के पास
चार, जेकेएनपीपी के पास दो, भाजपा के पास एक, माकपा के पास एक सीट है जबकि एक सीट निर्दलीय की है. इन 18 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 15.35 लाख वोटर हैं.
वहीं 175 उम्मीदवार मैदान में हैं. पूर्व अलगाववादी नेता सज्जाद लोन और राज्य के चार मंत्रियों समेत कई बड़े उम्मीदवार इस चरण के चुनाव में अपनी किस्मत
आजमा रहे हैं.
पहले चरण के चुनाव में 15 सीटों के लिए 71.28 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसके बाद दूसरे चरण के चुनाव के लिए तेज प्रचार हुआ. बड़े राजनेताओं ने जमकर प्रचार किया जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा नेता और गृह मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं. हालांकि इस दौरान हुए आतंकी हमलों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. इनमें अरनिया में हुआ आतंकी हमला शामिल है जहां 10 लोग मारे गए. वही लालचौक पर हुए ग्रेनेड हमले में 9 लोग जख्मी हुए थे.
झारखंड की 20 सीटों पर होगी वोटिंग
इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा समेत 223 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें 35 महिलाएं हैं. कई मंत्री एवं भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व
उपमुख्यमंत्री रघुवर दास समेत 18 वर्तमान विधायक फिर से चुनाव मैदान में हैं. दूसरे चरण में भाजपा 18 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और बाकी दो सीटें उसने अपने
सहयोगी आजसू पार्टी के लिए छोड़ दी है. झामुमो और कांग्रेस गठबंधन टूटने के बाद भले ही सरकार में साथ हैं लेकिन वो अलग अलग चुनाव लड़े रहे हैं. दोनों ने इस
चरण में सभी 20 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं.
20 सीटों में 16 के जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. यही वजह है कि दूसरे चरण के प्रचार में आदिवासी मुद्दा हावी रहा. नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के इन आरोपों को झूठा करार दिया कि भाजपा जनजातियों की जमीन को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानून को बदल रही है. सोनिया गांधी ने दावा किया कि मोदी के गृह राज्य गुजरात से आदिवासी पलायन कर गए क्योंकि वे अपनी जमीन पूंजीपतियों के हाथों गंवा बैठे.
जमशेदपुर में शाम पांच बजे प्रचार अभियान खत्म हुआ जबकि 18 अन्य सीटों पर तीन बजे शोर थमा.