scorecardresearch
 

एक प्रत्याशी, एक सीट का चुनाव आयोग ने SC में किया समर्थन

चुनाव आयोग ने इस बात को कुबूला कि जब एक प्रत्याशी दो सीट पर चुनाव लड़ता है, तो वह दूसरी सीट से इस्तीफा दे देता है. जिसके कारण वहां पर दोबारा चुनाव होता है और खर्चा बढ़ता है. ये याचिका वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने डाली थी.

Advertisement
X
संकेतात्मक फोटो
संकेतात्मक फोटो

Advertisement

प्रत्याशी के एक ही सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका पर चुनाव आयोग ने अपना जवाब दिया है. चुनाव आयोग ने बुधवार रको सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह एक प्रत्याशी के एक ही सीट पर चुनाव लड़ने की बात का समर्थन करता है.

चुनाव आयोग ने इस बात को कुबूला कि जब एक प्रत्याशी दो सीट पर चुनाव लड़ता है, तो वह दूसरी सीट से इस्तीफा दे देता है. जिसके कारण वहां पर दोबारा चुनाव होता है और खर्चा बढ़ता है. ये याचिका वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने डाली थी.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33(7) को चुनौती दी गई थी. इसके तहत अपील की गई थी कि संसद या विधानसभा समेत सभी स्तरों पर प्रत्याशी सिर्फ एक ही सीट से चुनाव लड़े. आपको बता दें कि इस नियम के समर्थन में कई बार पहले भी आवाज़ उठ चुकी है.

Advertisement

गौरतलब है कि कई बड़े दिग्गज नेता एक बार में दो जगह से चुनाव लड़ते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव में वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़ा था. उन्होंने दोनों जगहों से जीत दर्ज की थी, लेकिन वाराणसी सीट को अपने पास रखा था.

इसी प्रकार समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने भी 2014 में आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़ा था, और दोनों ही जगह जीता भी था. लेकिन उन्होंने आजमगढ़ सीट को अपने पास रखा था.

इनके अलावा लालू प्रसाद यादव, सोनिया गांधी, लालकृष्ण आडवाणी, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता भी दो सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं.

Advertisement
Advertisement