चुनावों के दंगल के शुरू होते ही चुनाव आयोग ने चेताया है कि धार्मिक और जातीय आधार पर वोट मांगने वाले नेताओं और राजनीतिक दलों की खैर नहीं. साक्षी महाराज को नोटिस जारी करने के बाद आयोग ने सभी दलों को चिट्ठी लिखी है. आयोग ने कड़े शब्दों में कहा कि धार्मिक स्थलों पर चुनाव प्रचार करना, जातीय या धार्मिक मान्यताओं की दुहाई देकर वोट मांगना आचार संहिता का उल्लंघन है, लिहाज़ा पार्टियां अपने सभी नेताओं को इस बारे में सूचित कर दें. अपने निर्देश में आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के हाल में आये फैसले का हवाला भी दिया है.
चुनाव आयोग ने साक्षी महाराज को इसी बाबत नोटिस जारी कर 11 जनवरी तक जवाब तलब किया है, आयोग के सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ इस निर्देश की प्रति चुनाव वाले पांचों राज्यों में ज़िला स्तर के सभी चुनाव अधिकारियों को भेजी गई है, साथ ही में तमाम बारीकियों के साथ आयोग के निर्देश भी भेजे गए है.
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान आयोग ने आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए धार्मिक आधार पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दोषी मानते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान को चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था, इस बार भी चुनाव आयोग के तेवर कड़े हैं और इरादा साफ़ कि नेताओं की लापरवाही को माफ नहीं किया जायेगा.