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पढ़ें, चुनाव आयोग के आदेश का वो हिस्सा, जिससे रद्द हो गए कांग्रेस के बागी विधायकों के वोट

आयोग ने अपने आदेश में आगे लिखा ''कमीशन को रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से दोनों विधायकों की वोटिंग के वीडियो का हिस्सा भेजा गया. आयोग ने दोनों विधायकों की वीडियो रिकॉर्डिंग देखी और ये पाया कि दोनों विधायकों ने वोटिंग प्रक्रिया और बैलेट पेपर सीक्रेसी का उल्लंघन किया.''

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चुनाव आयोग ने रद्द किए दो विधायकों के वोट
चुनाव आयोग ने रद्द किए दो विधायकों के वोट

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गुजरात राज्यसभा चुनाव पर मचे घमासान के बाद बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत को सही ठहराते हुए उनकी पार्टी के दो बागी विधायकों के वोट रद्द करने का आदेश दिया है. अपने आदेश में चुनाव आयोग ने माना है कि दोनों विधायकों ने वोटिंग के दौरान नियमों का उल्लंघन किया. जिसके बाद ये फैसला सुनाया गया.

पढ़िए चुनाव आयोग के आदेश का अहम हिस्सा...

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में बताया ''ये केस चुनाव संचालन नियम,1961 के रूल 39A और रूल 39AA के तहत आता है. इन दोनों नियमों के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव में वोट करने वाले वोटर को अपना बैलेट पेपर बैलेट बॉक्स में डालने से पहले अपनी पार्टी के प्रतिनिधित्व को दिखाना होता है. ये नियम साफ तौर पर कहता है कि वोटर सिर्फ अपनी पार्टी के प्रतिनिधित्व को ही बैलेट पेपर दिखा सकता है, किसी और को नहीं. जबकि विधानसभा के निर्दलीय सदस्य को ये अधिकार है कि वो किसी को भी अपना बैलेट पेपर न दिखाए.''

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आयोग ने अपने आदेश में आगे लिखा ''कमीशन को रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से दोनों विधायकों की वोटिंग के वीडियो का हिस्सा भेजा गया. आयोग ने दोनों विधायकों की वीडियो रिकॉर्डिंग देखी और ये पाया कि दोनों विधायकों ने वोटिंग प्रक्रिया और बैलेट पेपर सीक्रेसी का उल्लंघन किया.''

इसके बाद आयोग ने अपने आदेश में लिखा '' संवैधानिक, कानूनी और तथ्यात्मक स्थिति को देखते हुए संविधान के अनुच्छेद 324, जनप्रतिनिधित्व एक्ट,1951 की धारा 66 और चुनाव संचालन नियम,1961 के तहत रिटर्निंग ऑफिसर को विधायक भोला भाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल के वोट रद्द करने होंगे.''

बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि दोनों विधायकों ने अपना बैलेट पेपर वहां मौजूद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को दिखाए थे. इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग में जो शिकायत की थी, आयोग ने उस पर एक्शन लिया. गुजरात के गांधीनगर में मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर से वोटिंग के दौरान का वीडियो मंगाया गया. इसके बाद आयोग ने वीडियो देखकर नियमों के तहत फैसला सुनाया और दोनों विधायकों के वोट रद्द कर दिए.

 

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