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2014 की चुनावी 'महाभारत' के लिए मोदी और राहुल की ब्रिगेड और रणनीतियां तैयार

2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को किसी महाभारत से कम नहीं आंका जा रहा है. कौन जीतेगा चुनावी महाभारत 2014 की जंग? नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में कौन पड़ेगा किस पर भारी? ये वो सवाल हैं, जिसका जवाब हर हिंदुस्तानी जानना चाहता है. मोदी अपनी चुनावी चाल चल चुके हैं, सत्ता के लिए 272 के जादुई अंक को हासिल करने के लिए मोदी जहां अल्पसंख्यकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं अपनी नई वेबसाइट के जरिए अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं.

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नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी
नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी

2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को किसी महाभारत से कम नहीं आंका जा रहा है. कौन जीतेगा चुनावी महाभारत 2014 की जंग? नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में कौन पड़ेगा किस पर भारी? ये वो सवाल हैं, जिसका जवाब हर हिंदुस्तानी जानना चाहता है. मोदी अपनी चुनावी चाल चल चुके हैं, सत्ता के लिए 272 के जादुई अंक को हासिल करने के लिए मोदी जहां अल्पसंख्यकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं अपनी नई वेबसाइट के जरिए अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं.

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इतना ही नहीं मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका में प्रवासी भारतीयों तक भी जाल फैला रहे हैं. 272 वही जादुई आंकड़ा जिसे हासिल कर मोदी दिल्ली के राज सिंहासन पर काबिज होना चाहते हैं और जिसके लिए उन्होंने अभी से जबरदस्त तैयारी शुरु कर दी है. अलग-अलग मोर्चे पर मोदी ने अभी से अपनी रणनीति को स्थापित करना शुरु कर दिया है.

अल्पसंख्यक समुदाय को लुभाने की कवायद, रैली में मुसलमानों की भागेदारी पर जोर, दलितों को साथ जोड़ने की रणनीति, घोटालों को लेकर कांग्रेस पर हमले की योजना और वेबसाइट के जरिए हाईटेक प्रचार-प्रसार करके मोदी इस चुनावी महाभारत की जंग जीतना चाहते हैं.

दलित और अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलना जरूरी
मिशन 272 को पूरा करने के लिए पार्टी में गुणा-गणित शुरू हो चुकी है. बीजेपी जानती है कि यहां तक पहुंचने के लिए अल्पसंख्यकों और दलितों को साथ लेकर चलना ही होगा. यही वजह है कि मोदी की आने वाली कई रैलियों में मुसलमानों की भागेदारी पर खासा जोर दिया जा रहा है. तभी 29 सितंबर को दिल्ली में होने वाली रैली में मुसलमानों की मौजूदगी को अहमियत दी जा रही है. दिल्ली के बाद होने वाली रैलियों में भी अल्पसंख्यकों को शामिल करने पर तरजीह दी जा रही है यानी मोदी अब टोपी से भी यारी करने की जुगत कर रहे हैं.

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वेबसाइट के जरिए हाईटेक प्रचार-प्रसार
मोदी ने विकास के अपने कार्यकाल को वेबसाइट के जरिए भी वोटरों के सामने परोसने की कोशिश की है. www.india272.com नाम की वेबसाइट मोदी का बखान करती हुई नजर आ रही है.

विदेशों में रह रहे भारतीयों की भागेदारी पर मोदी का खासा जोर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने अमेरिका में बसे भारतीयों को एक बार फिर से संबोधित किया और संबोधन में मिशन 272 को हासिल करने का साफ-साफ आह्वान था. मोदी लगातार कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते आ रहे हैं. अमेरिका में प्रवासी भारतीयों को अपने संदेश में उन्होंने फिर से घटते विकास और बढ़ती महंगाई का मुद्दा उछाला. अगली सरकार में विदेशों में रह रहे भारतीयों की भागेदारी पर मोदी का खासा जोर है. लेकिन घर में उनकी तैयारी परवान पर है, जिससे मिशन 272 को किसी भी कीमत पर हासिल किया जा सके.

राहुल भी नहीं हैं तैयारियों में पीछे
महाभारत 2014 जीतने के लिए टीम राहुल और टीम मोदी पूरी तरह से तैयार है. लेकिन मोदी को पछाड़ने के लिए राहुल और कांग्रेस ने ऐसा फंदा तैयार करने की कोशिश की है, जिससे मोदी की राह में रोड़े पैदा हो सकें.

महाभारत 2014 के लिए घोषित हो चुका है बीजेपी के प्रधानमंत्री पद का लड़ाका, नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी. चुनावी जंग के इस विभाग में फिलहाल कांग्रेस से एक कदम आगे हो चुकी है भारतीय जनता पार्टी. लेकिन मोदी और बीजेपी की तैयारी को ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस ने अपनी छह अहम रणनीति का एक ऐसा चक्रव्यूह रचा है, जिसमे उलझकर मोदी का मिशन 272 धुआं-धुआं हो जाए.

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कांग्रेस का प्लान नंबर-1
कांग्रेस अपने कार्यकाल में हुए विकास के कामों और योजनाओं को हथियार बनाकर बीजेपी पर हमला करने की कोशिश में है. यानी परफॉर्मेन्स और पॉलिसी के दम पर बीजेपी से होगा मुकाबला.

कांग्रेस का प्लान नंबर-2
अल्पसंख्यक समुदाय को अपने पक्ष में लाना भी कांग्रेस की अहम रणनीति है. गुजरात दंगे और मुजफ्फरनगर हिंसा की तुलना करना कांग्रेस की इसी योजना का एक हिस्सा माना जा रहा है.

कांग्रेस का प्लान नंबर-3
कांग्रेस अपनी पुरानी विचारधारा के बूते बीजेपी से जंग लड़ना चाहती है. कांग्रेस लगातार ये संदेश फैलाना चाहती है कि क्या देश के एक बड़े समुदाय को अलग-अलग छोड़कर एक पार्टी विशेष की विकास की नीति सही है.

कांग्रेस का प्लान नंबर-4
नरेंद्र मोदी लगातार कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी पर सीधा हमला बोल रहे हैं. अब कांग्रेस की भी यही रणनीति है कि मोदी पर सीधा वार किया जाए और उनकी पोल खोली जाए.

कांग्रेस का प्लान नंबर-5
राजनीति के मैदान में मोदी राहुल से ज्यादा अनुभवी हैं और जुबां के जादूगर माने जाते हैं, लिहाजा कांग्रेस मोदी से राहुल की तुलना पर जोर नहीं देगी. इसके अलावा मीडिया से भी राहुल के सहयोग की योजना है.

कौन हैं चुनावी महाभारत में राहुल गांधी के सिपहसालार?
महाभारत 2014 में फतह के लिए कांग्रेस और राहुल की रणनीति को परवान चढ़ाने के लिए उनके इर्द-गिर्द एक ऐसी खास टीम है जो उन्हें मजबूत बना रही है.
कनिष्क सिंह- अमेरिकी यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री. कनिष्क के पास राहुल गांधी के भाषण और उनके दौरे को फाइनल करने का जिम्मा होता है.

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कौशल विद्यार्थी- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी फिल कर चुके हैं. राहुल गांधी को अर्थशास्त्र से दलितों को जोड़ने का मंत्र बताते हैं.
जी मोहन गोपाल- एक समाजशास्त्री, इन्हें सामाजिक मुद्दों पर भाषण लिखने में महारथ हासिल है.
के राजू- पूर्व आईएएस ऑफिसर, माना जाता है कि दलित नेताओं की खोज में राहुल की मदद करते हैं.
सचिन राव- मिशिगन बिजनेस स्कूल के ग्रैजुएट, इनके अधीन पंचायत प्रतिनिधियों को पार्टी में शामिल कराने का काम है.

कौन हैं मोदी के सिपहसालार?
कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसालार भी महाभारत 2014 की रणभूमि में मोर्चा संभाल चुके हैं.

टीम मोदी में उनके सबसे खास रणवीरों में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, यूपी बीजेपी प्रभारी अमित शाह, राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी, बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, मोदी के मुख्यमंत्री कार्यालय के मुख्य सचिव और पूर्व आईएएस ऑफिसर के कैलाशनाथन और गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल.

कांग्रेस के सेनापति राहुल अपनी सत्ता बचाने की जुगत में हैं तो बीजेपी के प्रधानमंत्री दावेदार मोदी सत्ता हथियाने की कोशिश में. मुकाबला जोरदार होगा, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन दिल्ली के राजदरबार में किसका सिंहासन सजेगा फैसला साल 2014 ही करेगा.

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