देश का कोई भी गांव अब बिजली की पहुंच से अछूता नहीं रहा. मणिपुर के सेनापति जिले के लीसांग वो आखिरी गांव था जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची थी लेकिन शनिवार की शाम पांच बजे इस गांव को भी नेशनल पावर ग्रिड से जोड़ दिया गया.
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत आजादी के 70 साल बाद भी बिजली कनेक्शन से महरूम रहे गांवों तक बिजली पहुंचानी थी. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश के सभी पांच लाख 97 हजार 464 गांवों में अब बिजली पहुंच चुकी है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लीसांग गांव में बिजली पहुंचने की खबर शेयर कर ट्वीट किया कि ये खबर हर भारतीय को गर्व और प्रसन्नता से भर देगी.
Leisang village in Manipur, like the thousands of other villages across India has been powered and empowered!
This news will make every Indian proud and delighted. — Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018
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पीएम ने इसके बाद दो और ट्वीट किए. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मैं उन सभी लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने जमीन पर अथक परिश्रम किया. इनमें अधिकारियों की टीम, तकनीकी स्टाफ और अन्य लोग शामिल हैं और उन्होंने पावरफुल इंडिया के सपने को हकीकत में बदला है. आज की ये कोशिशें पीढ़ियों तक मददगार साबित होंगी. पीएम ने अपनी मन की बात में भी इस उपलब्धि का जिक्र किया.
I salute the efforts of all those who worked tirelessly on the ground, including the team of officials, the technical staff and all others, to make this dream of a #PowerfulIndia a reality. Their efforts today will help generations of Indians in the coming years. pic.twitter.com/t8WjZgpNuT
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिन के भीतर उन 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का ऐलान किया था, जहां आजादी के 7 दशक बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई है. समय सीमा पूरी होने से 12 दिन पहले शनिवार को ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया. प्रधानमंत्री ने यह काम पूरा करने के लिए 1000 दिन का समय दिया था जो 10 मई को पूरा होता. सरकार का अगला लक्ष्य अब मार्च, 2019 तक हर घर को बिजली देने का है.