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पहली बार अंतरिक्ष में जाते सैटेलाइट को 1000 लोगों ने LIVE देखा, ISRO ने किया खास इंतजाम

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने एक साथ कुल 28 सैटेलाइट को लॉन्च किए. इसमें भारत का एमिसैट भी है, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से आज का प्रक्षेपण खास रहा...

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आम लोगों ने भी देखा नज़ारा...
आम लोगों ने भी देखा नज़ारा...

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हिंदुस्तान का नाम अब दुनिया के उन देशों में शामिल है जो आर्थिक महाशक्ति होने के साथ-साथ अंतरिक्ष की दुनिया में भी महाशक्ति है. आज इसका एक और उदाहरण दुनिया के सामने पेश हुआ, जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने एक साथ कुल 28 सैटेलाइट को लॉन्च किए. इसमें भारत का एमिसैट भी है, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से आज का प्रक्षेपण खास होने वाला है...

एमिसैट की खासियत

-    एमिसैट इसरो और डीआरडीओ के द्वारा बनाया गया उपग्रह है, जिसका मकसद दुश्मनों पर निगाह रखना है.

-    सीमाओं पर तैनात दुश्मन के राडार और सेंसर्स पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी.   

-    दुश्मन के इलाकों का सटीक इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने में मदद यानी अगर कोई हमारे खिलाफ साजिश रच रहा होगा, तो उसपर भारत की नज़र रहेगी.

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-    सीमाओं पर मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की सही जानकारी देगा. उदाहरण के तौर पर बॉर्डर पर मौजूद आतंकी अड्डों पर कौन और कितने लोग एक्टिव हैं इसकी निगरानी करने में भारत को आसानी रहेगी.

-    मोबाइल और संचार उपकरणों के जरिए होने वाली बातचीत को डिकोड करेगा.

ऐसा पहली बार हुआ...

भारत में ऐसा पहली बार ही होगा जब इसरो ने आम लोगों के लिए इस लॉन्च को खोला है, आज करीब 1000 लोगों ने इस दृश्य को लाइव देखा. इसके लिए इसरो ने एक स्टेडियम नुमा मंच तैयार किया था, जहां पर लोगों के बैठने की व्यवस्था है. इससे पहले अमेरिकी एजेंसी NASA ही ऐसा करती थी, जब वह आम लोगों के लिए इस तरह के प्रक्षेपण को खुला रखती थी.

कई देशों के उपग्रह हुए लॉन्च

इसरो ने आज पीएसएलवी-सी45 रॉकेट के द्वारा अपने एमिसैट को तो लॉन्च किए ही बल्कि कई अन्य देशों के उपग्रहों को भी लॉन्च किया. इनमें अमेरिका के 24, लिथुआनिया के दो व स्पेन व स्विट्जरलैंड के एक-एक उपग्रह शामिल रहे. इससे पहले भी भारत का इसरो एक साथ 104 उपग्रह भेजने का रिकॉर्ड बना चुका है.

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