मुंबई में 2006 में हुए एक फर्जी एनकाउंटर मामले में मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा समेत तीन पुलिसवालों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया.
मुंबई में कभी अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुके इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा और कुछ पुलिसकर्मियों पर लखन भैया नाम के एक शख्स को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराने का आरोप है. इस फर्जी एनकाउंटर केस में 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और अब तक प्रदीप शर्मा समेत 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें तीन पुलिसवाले हैं. इस मामले में लखन भैया के भाई राम प्रसाद गुप्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि उनके भाई को पुलिसवाले उठा कर ले गए और बाद में उसे फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया. लखन भैया के खिलाफ 18 आपराधिक मामले दर्ज थे. राम प्रसाद गुप्ता का आरोप है कि उसके भाई लखन भैया को 11 नवंबर 2006 को वर्सोवा के नाना-नानी पार्क में फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया.
'आज तक' को एफआईआर की वो कॉपी भी हाथ लगी है जिसमें उन सभी 17 लोगों के नाम हैं जिन्हें फर्जी एनकाउंटर मामले में नामजद किया गया है. इस एफआईआर कॉपी के साथ लखन भैया के भाई राम प्रसाद गुप्ता की वो लिखित शिकायत भी है जिसमें उन्होंने अपने भाई को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जताई थी. राम प्रसाद गुप्ता ने एनकाउंटर से ठीक पहले नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर और ठाणे के पुलिस कमिश्नर समेत गृह मंत्रालय को फैक्स कर बताया था कि उनके भाई को कुछ पुलिसवाले उठा ले गए हैं और उसकी जान को खतरा है.
राम प्रसाद गुप्ता की माने तो पुलिस 11 नवंबर 2006 को उसके भाई लखन भैया और उसके दोस्त अनिल भेड़ा को वासी के सेक्टर 9 से पुलिस की गाड़ी में उठाकर ले गए. राम प्रसाद का कहना है कि उसे वासी में एक पानवाले ने फोनकर बताया कि पुलिस उसके भाई को उठाकर ले गई है. राम प्रसाद के मुताबिक उन्होंने कुछ ही देर बाद पुलिस के आला अधिकारियों को फैक्स किया था और उसी दिन रात 8 बजकर 20 मिनट पर खबर आई की पुलिस ने लखन भैया को एनकाउंटर में मार गिराया है.