शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने 'नेट न्यूट्रैलिटी' खत्म करने की कोशिशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान के लिए खतरा बताया है. उन्होंने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से नेट न्यूट्रैलिटी खत्म करने की कोशिशों को रोकने की अपील की है.
आदित्य ठाकरे का कहना है कि इन कोशिशों से लोगों का आक्रोश भड़केगा और डिजिटल रूप से आगे बढ़ रहे देश को नुकसान पहुंचेगा. नेट न्यूट्रैलिटी के तहत इंटरनेट सर्विस प्रदाताओं (आईएसपी) को अपने नेटवर्क पर सभी ट्रैफिक से एक समान रूप से निपटना होता है. इसका मतलब है कि यूजर की पहुंच सभी बेबसाइटों तक समान स्पीड और कीमत पर होनी चाहिए. इस पर किसी भी बेबसाइट को अतिरिक्त प्राथमिकता नहीं दी जाएगी.
ठाकरे ने ट्राई को लिखी चिट्ठी में कहा है कि नेट न्यूट्रैलिटी को खत्म करने और दूरसंचार ऑपरेटरों को ऐसा करने की इजाजत देना कड़ा फैसला है. पत्र में कहा गया है, तकरीबन सभी सामाजिक और आर्थिक स्तर पर लोगों के पास मोबाइल फोन है और संवाद के लिए बिना जाने बूझे इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.
इसमें कहा गया है, इसलिए, पहुंच या स्पीड के लिए बेबसाइटों पर फीस लगाने से एनडीए सरकार की 'मेक इन इंडिया' मुहिम दम तोड़ देगी, जहां कई युवा लोग और शुरुआत करने वाली कंपनियां या छोटे कारोबारी बेबसाइटों के जरिए काम करते हैं. ठाकरे ने कहा कि दूरसंचार कंपनियां इंटरनेट पहुंच के लिए लोगों की पसंद को नियंत्रित नहीं कर सकती और उनके राजस्व को बढ़ाने के लिए दूसरा रास्ता हो सकता है.