राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पर्यावरण मंत्रियों के कॉन्फ्रेंस में सोमवार को बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति के प्रति हम ज्यादा संवेदनशील हैं. यह हमारी बपौती है और इस मसले पर हमें विश्व का नेतृत्व करना होगा.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लैंड बिल को लेकर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा और कहा कि देश के नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'लैंड बिल में कहीं पर भी, एक भी शब्द, वनवासियों, आदिवासियों के संबंध में भी नहीं है. हमारे यहां भ्रम बहुत फैलाएं जाते हैं, लैंड बिल में कहीं पर भी, एक भी शब्द, वनवासियों, आदिवासियों के संबंध में भी नहीं है.'
गंगा की सफाई के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संबंधित राज्य तय करें कि गंगा में गंदा पानी नहीं जाने देंगे और इस पर कोई समझौता नहीं होगा. अगर हमने एक बार गंगा के प्रदूषण को रोक दिया, तो यह मिसाल होगा. फिर गंगा की अपनी ताकत भी है, सफाई की.इससे पहले प्रधानमंत्री ने विकसित देशों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग दुनिया भर में घूम-घूम कर पर्यावरण की बात करते हैं, सिविल न्यूक्लियर एनर्जी के लिए फ्यूल नहीं देते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी जनसंख्या प्रकृति से कट गई है. लोग अपनी लाइफ स्टाइल बदलने को तैयार नहीं है. लेकिन यह वक्त की जरुरत है, अगर हम अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव ला पाएं, तो इससे पर्यावरण का भला होगा.