कालेधन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार के 500 और 1000 रुपये के बड़े नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले का यूरोपीय संघ ने स्वागत किया है. यूरोपीय संघ ने कहा, 'वित्तीय प्रणाली को कालेधन से मुक्त करने और इसमें पारदर्शिता लाने से भारतीय अर्थव्यवस्था को को मजबूती मिलेगी और विकास की रफ्तार तेज होगी.'
यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष जिर्की कटाईनेन ने वित्तीय प्रणाली को साफ-सुथरा बनाने के भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की है. इसके अलावा वस्तु व सेवाकर प्रणाली (जीएसटी) लागू करने और कई अन्य सुधार उपायों को तेज करने के लिए भारत सरकार की सराहना की है.
भारत-यूरोपीय संघ के बीच व्यापक व्यापार व निवेश समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए भारत की यात्रा पर पहुंचे कटाईनेन ने कहा, 'कर चोरी करने वालों और अवैध संपत्ति रखने वालों के खिलाफ लड़ाई का फायदा मिलेगा और इससे वित्तीय प्रणाली में मजबूती आएगी.'
कटाईनेन ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के सवाल पर कहा, 'ऐसे सभी उपाय जो काली अर्थव्यवस्था को समाप्त करते हों, वह हमेशा ही लोगों और वित्तीय प्रणाली के लिए अच्छी होती है.’ जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा, ‘भारत में कर ढांचे में सुधार लाने के लिए यह काफी महत्वाकांक्षी और काफी जरूरी उपाय है. इससे भारत में निवेशकों का विश्वास और बढ़ेगा.’ बता दें, यूरोपीय संघ भारत का एक प्रमुख भागीदार है. भारत और यूरोपीय संघ के बीच वस्तुओं का दोतरफा कारोबार 2014-15 में 98.5 अरब डॉलर रहा है.