देश में आजकल 'छद्म सेकुलरिज्म' की बयार चली है. कौन धर्मनिरपेक्ष है और कौन सांप्रदायिक, इसका सर्टिफिकेट बांटने का ठेका हमारे सियासतदानों ने ले लिया है. अब तक दूसरों को सेकुलरिज्म का सर्टिफिकेट देने वाली कांग्रेस पार्टी को बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सांप्रदायिक बताया है.
राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि वाकई में कांग्रेस पार्टी भी सेकुलर नहीं है इसी वजह से महात्मा गांधी आजादी के बाद इस पार्टी को भंग कर देना चाहते थे.
बीजेपी अध्यक्ष के मुताबिक कांग्रेस ने अंग्रेजों के 'फूट डालो और शासन करो' नीति पर राजनीति कर समाज को कई हिस्सों में बांट दिया. उन्होंने सभी धार्मिक समुदायों को चेताया कि कांग्रेस के इस चेहरे से बच के रहने की जरूरत है.
कांग्रेस को सांप्रदायिक होने का प्रमाण पत्र देने के बाद राजनाथ सिंह अपनी पार्टी को सेकुलर बताया. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार रही है वहां धार्मिक द्वेष की वारदातें कम हुई हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारत एक सेकुलर देश है. यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं. देश की आजादी के लिए हिंदू और मुस्लिमों ने मिलकर अंग्रेजों का सामना किया था.'
राजनाथ सिंह सिर्फ सेकुलरिज्म तक नहीं रुके. उन्होंने कांग्रेस पर उत्तराखंड त्रासदी पर राजनीति करने का आरोप लगाया. राजनाथ सिंह ने कहा, कांग्रेस ने तो उत्तराखंड त्रासदी पर भी राजनीति की. मैंने किसी राहत सामग्री को हरी झंडी नहीं दिखाई. ऐसा किसने किया हर कोई जानता है.
राजनाथ सिंह ने यूपीए को अब तक की भ्रष्टतम सरकार बताया.