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आज भी नहीं भूलते हैं सचिन के वो तीन छक्केः कादिर

अब्दुल कादिर के जेहन में पेशावर में 21 बरस पहले खेले गए उस नुमाइशी टी20 मैच की यादें आज भी ताजा हैं जब उनके ओवर में तीन छक्के जड़ने वाले 16 बरस के सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तानी खेमे में खलबली मचा दी थी और तभी इस अनुभवी स्पिनर ने भांप लिया था कि क्रिकेट को ‘कोहिनूर’ हीरा मिल गया है.

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अब्दुल कादिर के जेहन में पेशावर में 21 बरस पहले खेले गए उस नुमाइशी टी20 मैच की यादें आज भी ताजा हैं जब उनके ओवर में तीन छक्के जड़ने वाले 16 बरस के सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तानी खेमे में खलबली मचा दी थी और तभी इस अनुभवी स्पिनर ने भांप लिया था कि क्रिकेट को ‘कोहिनूर’ हीरा मिल गया है.

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चौबीस अप्रैल को अपना 36वां जन्मदिन मनाने जा रहे तेंदुलकर ने भले ही क्रिकेट के दर्जनों कीर्तिमान अपने नाम कर लिये हों लेकिन 1989 में पाकिस्तान दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले बालक सचिन को देखकर कादिर समेत सभी क्रिकेटर दंग रह गए थे.

कादिर ने कराची से दिये इंटरव्यू में कहा, ‘हम सभी को लगा कि यह स्कूली बच्चा क्रिकेट खेलने कैसे आ गया था. सचिन बहुत छोटा दिखता था. लेकिन उसकी काबिलियत पता चली पेशावर में खेले गए नुमाइशी टी20 मैच में.’

उन्होंने बताया, ‘उस समय क्रिस श्रीकांत और सचिन क्रीज पर थे. मैने श्रीकांत को एक ओवर मैडन डाला और दूसरे छोर पर खड़े सचिन से कहा कि अगले ओवर में वह मुझे छक्का लगाये. सचिन ने पहली, दूसरी और पांचवीं गेंद पर छक्का जड़ा. उस ओवर में 28 रन बने और तभी मैं जान गया कि यह आने वाले समय में दुनिया का सबसे बड़ा बल्लेबाज बनेगा.’ पाकिस्तान क्रिकेट के पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने कहा, ‘मैने सचिन को बच्चा समझकर लालीपॉप गेंद नहीं डाली थी बल्कि अपने पूरे अनुभव का निचोड़ उसमें डाल दिया था. यह सचिन का कमाल था कि उसने इन गेंदों को पीटा और मुश्ताक अहमद के अगले ओवर में भी चार छक्के मारे.’

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{mospagebreak}कादिर ने कहा, ‘मैने हर छक्के पर ताली बजाई और ओवर खत्म होने के बाद उसे बधाई भी दी. बाद में उस दौरे पर हमेशा मैने गले लगाकर उसका स्वागत किया.’ उन्होंने कहा, ‘उस दौरे के बाद लंबे समय तक सचिन अपने इंटरव्यू में कहता रहा कि उस ओवर में प्रदर्शन उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सरमाया है. बाद में उन्होंने इतने रिकार्ड बनाये और उनका क्रिकेट का सफर इतना सुनहरा हो गया कि ये यादें छोटी पड़ गई लेकिन मैं अपनी जिंदगी में कभी उस ओवर को नहीं भूल सकता.’ सचिन ने उस मैच में 18 गेंद में 53 रन बनाये. उस समय भारत के कप्तान रहे श्रीकांत ने इसे सर्वश्रेष्ठ पारी करार दिया था. टेस्ट श्रृंखला में उसने 35.83 की औसत से 215 रन जोड़े.

कादिर ने बताया, ‘कराची टेस्ट में वकार ने उसे पहली ही गेंद काफी तेज आउटस्विंग डाली. पहला मैच खेल रहे सचिन ने बेहद बहादुरी से पैर आगे निकालकर उसे खेला. पहले ही मैच में उसका यह साहस साबित करता था कि वह कोई आम क्रिकेटर नहीं है. अल्लाह ने उसे कुछ खास हुनर से नवाजा है.’ कराची में पहले टेस्ट में सचिन और वकार युनूस दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. इसी दौरे पर सियालकोट मैच में नाक पर बाउंसर लगने के बावजूद सचिन ने मैदान नहीं छोड़ा.

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{mospagebreak}पाकिस्तान के लिये 18 बरस खेल चुके कादिर ने कहा, ‘मैने अपने कैरियर में दो क्रिकेटर ऐसे देखे हैं जिनका लोहा दुनिया ने बाद में माना लेकिन मैं पहले ही मैच में भांप गया कि ये कुछ खास है. पहला सचिन तेंदुलकर और दूसरा ब्रायन लारा.’

उन्होंने दोनों की तुलना से इंकार करते हुए कहा, ‘महान क्रिकेटरों की कोई तुलना नहीं हो सकती. दोनों की अपनी अपनी शैली है और दोनों का कोई सानी नहीं. क्रिकेट में ना दूसरा लारा पैदा होगा और ना ही सचिन.’

उन्होंने सचिन को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि वह दुआ करेंगे कि आने वाले कई साल तक वह दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमियों का मनोरंजन करें.

कादिर ने कहा, ‘जब सचिन खेलता है तो सभी उसकी बल्लेबाजी का मजा लेते हैं. हिन्दुस्तानी हो या पाकिस्तानी या किसी और मुल्क के क्रिकेटप्रेमी. मैं दुआ करता हूं कि वह आने वाले कई साल तक खेलता रहे और क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भी लोगों के दिलों पर यूं ही राज करे.’

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