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उपचुनाव में गर्मी की मार, क्या इतनी नाजुक हो गई वीवीपैट!

आसमान से बरसती गर्मी के बीच वोटर लाइन में लगे रहे और जब तक मशीन बदली नहीं गई तब तक वोट डालने का इंतजार करते रहे. कई जगह निराश मतदाता घर भी लौट गये, कई तो रोजेदार थे.

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उपचुनाव में वीवीपैट और ईवीएम पर सवाल!
उपचुनाव में वीवीपैट और ईवीएम पर सवाल!

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देश में आज कई लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. अभी तक कई बार ऐसा हुआ है कि ईवीएम को राजनीतिक बवंडर का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बार वीवीपैट मशीन को मौसम की मार झेलनी पड़ी. सोमवार को उपचुनाव के दौरान कई जगह मशीनें खराब पड़ने की खबर आई तो ऐसा लगा कि वीवीपैट मशीन को लू लग गई.

आसमान से बरसती गर्मी के बीच वोटर लाइन में लगे रहे और जब तक मशीन बदली नहीं गई तब तक वोट डालने का इंतजार करते रहे. कई जगह निराश मतदाता घर भी लौट गये, कई तो रोजेदार थे.

एक ओर 45 डिग्री से भी अधिक पारे वाली गर्मी के बीच वोटर बाहर खड़ा था, तो दूसरी तरफ एसी में बैठ चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कह दिया कि मशीनों पर मौसम की मार पड़ी है. आयोग के अधिकारियों का कहना है कि जब चुनावी तैयारियों के दौरान मतदान अधिकारियों को मशीनों को ऑपरेट करते वक्त क्या करें क्या ना करें की जानकारी दी जाती है तो वो इस पर ध्यान नहीं देते हैं.

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अब मौसम की मार के साथ लापरवाहियों की भरमार भी हो तो गड़बड़ होनी ही है. क्योंकि ये मशीनें काफी नाजुक होती हैं. सूरज की सीधी और तीखी किरणें मशीनों पर पड़ने लगें तो जल्दी गरम हो जाती है. लिहाजा इसके कामकाज की क्षमता पर असर दिखा है.

आयोग के आला अधिकारियों का ये भी कहना है कि ये सही है कि हर चुनाव हमें कुछ ना कुछ नया सिखाता है. इस बार हमारे लिए ये सबक है कि हमारी टेक्निकल टीम इस बाबत अध्ययन करे कि आखिर क्या ऐसा किया जाए ताकि मौसम का असर ना पड़े.

अधिकारी ने कहा कि क्योंकि देश के किसी हिस्से में बर्फीले या सर्द इलाके हैं तो कहीं रेगिस्तान का सूखा मौसम, ऐसे में ध्यान रखना जरूरी है. आयोग के अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही ईवीएम और वीवीपीएट में कुछ ऐसा किया जाएगा, ताकि इनको भारत के बहुआयामी मौसम के मुताबिक ढाला जा सके.

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