इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ छेड़छानी के मुद्दे को जोर शोर से उठाने वाले राजनीतिक दलों ने अब अपने पांव पीछे खींच लिए हैं. ईवीएम को हैक करके दिखाने की चुनाव आयोग की चुनौती पर अभी तक सिर्फ 8 राजनीतिक पार्टियों ने शुक्रवार को शाम 5 बजे तक आयोग को अपने जवाब भेजे हैं. इनमें से सिर्फ एनसीपी ने चुनाव आयोग की चुनौती को स्वीकार करने की इच्छाशक्ति दिखाई है.
दूसरी ओर ईवीएम से छेड़खानी के मुद्दे को जोर शोर से उठाने वाली आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग की चुनौती को ड्रामा बताते हुए इसमें हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है. कांग्रेस भी इसमें शामिल नहीं होगी.
दूसरी ओर सीपीआई, सीपीआई(एम), बीजेपी और आरएलडी ने ईवीएम चैंलेज के दौरान उपस्थित रहने की बात कही है.
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के ईवीएम चैलेंज में हिस्सा लेने की पुष्टि की है.
AAP ने ECI पर हैकॉथन से भागने का आरोप
चुनाव आयोग को लिखे खत में आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उसने हैकाथन का वादा किया था, लेकिन नियम और कायदे के साथ. खत में कहा गया है, हैकरों को किसी भी तंत्र की सुरक्षा को परखने के लिये आमंत्रित किया जाता है, जो किसी भी उपलब्ध उपकरण का इस्तेमाल कर सकते हैं.
आप के मुताबिक ऐसी नैतिक हैकिंग से गड़बड़ियों को समझने में मदद मिलती है, जिससे भविष्य में उन्हें दूर किया जा सके. उसने आश्चर्य जताया कि चुनाव आयोग क्यों (ऐसा संस्थान जिसने हमेशा लोकतंत्र का संरक्षण किया) देश की चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए एक खुला हैकॉथन के लिये तैयार नहीं है.
चुनाव आयोग द्वारा चुनौती में आप की ईवीएम के मदरबोर्ड से छेड़छाड़ की इजाजत की मांग को खारिज किए जाने के बाद पार्टी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी को यह खत लिखा है. पार्टी ने पूछा है, 'चुनाव आयोग बिना किसी रोक टोक के हैकॉथन कराने से दूर क्यों भाग रहा है.'
बता दें कि ईवीएम चैलेंज में राजनीतिक दलों से यह साबित करने को कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की जा सकती है.