पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने खुद पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. आज तक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी मंत्री को पैसे नहीं दिए. उमर अब्दुल्ला सरकार को अस्थिर करने के आरोपों को उन्होंने 'हास्यास्पद' और 'बेतुका' करार दिया.
गुप्त फंड आर्मी चीफ के हाथ में नहीं
पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने कहा कि गुप्त मिशन का फंड सेना प्रमुख मैनेज नहीं करता. उन्होंने सेना की रिपोर्ट लीक होने पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस तरह की रिपोर्ट बाहर आने से सेना के मनोबल पर असर पड़ता है.
भारत के पक्ष में काम कर रही थी यूनिट
वीके सिंह पर आरोप है कि उनकी बनाई खुफिया सैन्य यूनिट (टीएसडी) उमर अब्दुल्ला सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही थी. इस पर जनरल सिंह का कहना है कि टीएसडी राजनेताओं के साथ मिलकर भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा की धार कुंद करने का काम कर रही थी.
उस अखबार की विश्वसनीयता नहीं
मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के रास्ते में आने के आरोप को साजिश बताते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा, 'मैं कभी बिक्रम सिंह के रास्ते में रोड़ा नहीं बना.' जनरल सिंह ने रिपोर्ट के हवाले से खबर छापने वाले अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा, 'वह अखबार तो यह भी लिख चुका है कि मैं तख्तापलट करने वाला था.'
अच्छे नेताओं का समर्थन करता रहूंगा
पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा कि सरकार को सेना के हर काम-काज की जानकारी होती है. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकल यूनिट के काम में जबरन उनका नाम जोड़ा गया. राजनीति में जाने के सवाल पर जनरल सिंह ने कहा कि उनकी फिलहाल ऐसी योजना नहीं है, लेकिन वह बेदाग दामन के और अच्छे काम करने वाले नेताओं का समर्थन करने से पीछे नहीं हटेंगे.