अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की खुदकुशी को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं. कालिखो पुल ने 9 अगस्त, 2016 को ईटानगर में फांसी लगाने से एक दिन पहले 60 पेज का एक सुसाइड नोट लिखा था. अपने इस आखिरी खत में पुल ने मौजूदा मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चोवना मेन सहित संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों तथा प्रदेश के प्रमुख नेताओं पर कथित रूप से गंभीर आरोप लगाए हैं.
अरुणाचल में करीब चार महीने के लिए मुख्यमंत्री रहे पुल को बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पद से हटना पड़ा. कोर्ट ने तुकी की पिछली सरकार की बर्खास्तगी को असंवैधानिक करार दिया था. एक स्थानीय स्कूल में चौकीदार के रूप में करिअर शुरू करने वाले पुल ने कोर्ट के इस आदेश के करीब महीने भर बाद कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी.
पुल के शव के पास मिले इस कथित नोट को पुलिस ने अपने कब्जे में ले रखा था और इस वजह से इसमें लिखी बातें रहस्य बनकर ही रह गई थी. हालांकि अब समाचार वेबसाइट 'द वायर' ने इस कथित नोट के हवाले से कई दावे किए हैं.
सुसाइड नोट में पुल ने लगाए ने ये गंभीर आरोप
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पुल ने इस चिट्ठी लिखा है, 'मुझसे और मेरे करीबियों से कई बार संपर्क किया गया कि अगर मैं 86 करोड़ रुपये देता हूं तो फैसला मेरे हक में दिया जाएगा. मैं एक आम आदमी हूं, मेरे पास न उस तरह पैसा है न ही मैं ऐसा करना चाहता हूं…’
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अरुणाचल के मौजूदा मुख्यमंत्री और हाल ही बीजेपी में शामिल हुए पेमा खांडू के बारे में पुल लिखते हैं, 'जनता यह खुद सोचे और विचार करे कि मंत्री बनने से पहले उनके पास क्या था? और आज क्या है? उनके पास पैसा बनाने की कोई मशीन या फैक्ट्री तो नहीं थी और न कुबेर का कोई खजाना था. फिर इतना पैसा कहां से आया?'
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पुल लिखते हैं, 'यह जनता का पैसा है और मंत्री बने यह लोग इसी पैसों का रौब दिखाकर जनता को डराते-धमकाते हैं और लोग उसके पीछे भागते हैं. आज जनता को इसका जवाब मांगना चाहिए और इस मामले की पूरी छानबीन होनी चाहिए.'
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राज्य में अब तक अनसुलझे रहे पीडीएस घोटाले पर पुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, अपने 23 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने पीडीएस बिल की फोटोकॉपी पर पेमेंट होते पहली बार देखा. जबकि ऐसा किसी और राज्य में नहीं होता.'
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उन्होंने कहा, 'पीडीएस के तहत 600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम का पेमेंट हुआ. इन पैसों को राज्य के डेवलपमेंट फंड से दिया गया था. जबकि यह भारत सरकार की स्कीम थी और भारत सरकार ने इसमें घोटाला देखकर एक भी पैसा राज्य सरकार को नहीं दिया. इस पीडीएस घोटाले के मुख्य दोषी दोरजी खांडू, पेमा खांडू, नबाम तुकी और चोवना मेन हैं.'
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पुल लिखते हैं, 'जब मैं मुख्यमंत्री बना तब मैंने इस केस की जांच की और राज्य सरकार को बचाने की कोशिश की. हमारी सरकार ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के खिलाफ केस किया, भारत सरकार के खिलाफ केस किया और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी.
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उन्होंने लिखा, 'मुझे इस बात का बहुत दुख है कि राज्य के पूर्व मंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने मिलकर सभी फाइलें, दस्तावेज और जरूरी कागजों को गायब कर दिया, जिसकी वजह से मैं राज्य सरकार को इस केस में बचा नहीं सका. इस केस में मुख्य सचिव, सचिव, डायरेक्टरों और अधिकारियों को जेल तक होने वाली थी.'
वेबसाइट ने इस खबर के साथ पुल की लिखी इस आखिरी चिट्ठी की कॉपी भी लगाई है, हालांकि उनके इन आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकी है.