कैग के पूर्व डीजी ऑडिट आर पी सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होने सीधे सीधे सीएजी विनोद राय पर उंगली उठाई है. उन्होने पीएसी चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी पर भी उंगली उठाई है. आर पी सिंह का आरोप है कि टूजी स्पेक्ट्रम में घोटाले में घाटा बहुत ज्यादा दिखाया गया था.
उनके मुताबिक ऑडिट रिपोर्ट में अनुमानित घाटा 2 हजार 6 सौ 45 करोड़ का था. जिसे 1 लाख 76 हजार करोड़ दिखाया गया था. आर पी सिंह का तो यहां तक कहना है कि उनपर दबाव डालकर कैग रिपोर्ट पर दस्तखत करवाया गया.
पूर्व डीजी ऑडिट आऱपी सिंह ने पीएसी चेयरमैन मुरली मनोहर पर भी उंगली उठाई है. उन्होने आरोप लगाया है कि सीएजी के कुछ अधिकारी 2011 में गुडफ्राइडे पर जोशी के घऱ गए थे ताकि टूजी स्पेक्ट्रम मामले में पैनल की रिपोर्ट तैयार करने में जोशी को सहयोग कर सके. कैग की रिपोर्ट को जब लोक लेखा समिति यानी पीएसी के सामने रखा गया था तो कांग्रेस के सभी सदस्यों समेत तकरीबन आधे सदस्यों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. जिसके बाद भी पीएसी के चेयरमैन जोशी ने रिपोर्ट का विरोध कर रहे 21 सदस्यों के दस्तखत के बगैर उसे लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को सौंप दिया था.
पूर्व डीजी आरपी सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. आर पी सिंह के इस खुलासे के बाद सीएजी विनोद राय पर उंगली उठी है. पूर्व डीजी के आरोप गंभीर हैं, जिससे 2जी घोटाले को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की बात सामने आ रही है. साथ ही साथ आरपी सिंह के खुलासे के बाद पीएसी के चेयरमैन और बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के ऊपर भी सवाल उठ गया है.
पीएसी अध्यक्ष और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस आरोप का निराधार करार दिया है.
इसके चलते शुक्रवार को संसद में भी काफी हुआ. कांग्रेस का आरोप है कि मुरली मनोहर जोशी के इशारे पर टूजी काम कर रहा है.