ऐसे समय में जब राजनीतिक दलों की फंडिंग विवादों में है, एक नई किताब ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पूर्व सीबीआई प्रमुख एपी मुखर्जी ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हथियारों के सौदे में मिले कमिशन को कांग्रेस पार्टी के लिए बतौर फंड इस्तेमाल करना चाहते थे.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, एपी मुखर्जी ने राजीव गांधी से जून 1989 में हुई बातचीत के आधार पर अपनी किताब में यह दावा किया है. किताब का नाम है, 'अननोन फेसेट्स ऑफ राजीव गांधी, ज्योति बसु एंड इंद्रजीत गुप्ता'.
याद रहे कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम बोफोर्स घूस मामले में भी उछला था.
पूर्व सीबीआई डायरेक्टर मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है, 'राजीव गांधी को सलाह दी गई कि ज्यादातर रक्षा डीलर 'रुटीन प्रैक्टिस' के हिसाब से जो कमिशन देते हैं, उसका इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी के 'अपरिहार्य' खर्चों के लिए किया जाना चाहिए. राजीव ने इस बात को बढ़ावा दिया. वह चाहते थे कि इस पैसे का ठीक तरह से हिसाब रखा जाए और यह बेईमान अधिकारियों और नेताओं के हाथों में न पड़े.'
मुखर्जी ने आगे लिखा है, 'इससे देश भर में पार्टी के लिए ढेर सारा फंड जमा किया गया. इससे पार्टी के संगठन, मंत्रियों और उद्योगपतियों के बीच एक किस्म का 'बेशर्म गठजोड़' पैदा हो गया. राजीव ने मेरे साथ कॉफी पीते हुए बताया कि उन्हें इस बात का अंदाजा था. '