गुरुवार का दिन मारन बंधुओं के लिए राहत भरा रहा. दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को एयरसेल मैक्सिस डील पर फैसला सुनाते हुए दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है. आपको याद दिला दें कि मारन बंधुओं पर आरोप था कि उन्होंने मोबाइल कंपनी एयरसेल पर दबाव डालकर कंपनी के शेयर मैक्सिस को बेचने के लिए मजबूर किया था. एयरसेल और मैक्सिस के बीच डील उस वक्त हुई थी जब दयानिधि मारन यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री थे.
सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से दर्ज कराए गए मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए जाने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है.
कनिमोझी बोलीं अब हुआ न्याय
कोर्ट का फैसला आने के बाद तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने कहा कि अंत में साबित हो गया कि कानून सबसे सबल है. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि अब जाकर न्याय हुआ. आपको बता दें कि कनिमोझी 2-जी मामले में जमानत पर हैं.
Finally law has prevailed and justice has been done: Kanimozhi on Aircel-Maxis case judgement discharging Dayanidhi Maran & others pic.twitter.com/XY95uJjdoe
— ANI (@ANI_news) 2 February 2017
मारन बंधु पर ये थे आरोप
आरोप तय करने से जुड़ी दलीलों के दौरान पब्लिक प्रॉस्क्यूटर आनंद ग्रोवर ने दावा किया था कि दयानिधि ने वर्ष 2006 में चेन्नई के एक टेलीकॉम प्रमोटर सी शिवशंकरन पर दबाव बनाया था कि वह एयरसेल और दो सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को मलेशियाई कंपनी मैक्सिस समूह को बेच दें.
सीबीआई ने मामले में मारन बंधुओं और मलेशिया निवासी एआर मार्शल, टी.आनंद कृष्णनन, मलेशिया की कंपनी एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क, मैक्सिस कम्यूनिकेशन, सन डायरेक्ट टीवी प्रा.लि., साउथ एशिया एफएम लि. समेत आठ लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था. वहीं ईडी ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लि. के महानिदेशक के. शानमुगम व सन डायरेक्ट टीवी प्रा.लि. को मामले में आरोपी बनाया था.
ईडी ने मामले में छह लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआइ ने मामले में दयानिधि मारन के अलावा उनके भाई कलानिधि मारन, टेलिकॉम मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव जे.एस.सरमा व कंपनी से जुड़े अधिकारियों को आरोपी बनाया था. सभी पर आपराधिक षडयंत्र, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.