आंध्र प्रदेश पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एक और नेता को गिरफ्तार किया है. पूर्व विधायक जेसी प्रभाकर रेड्डी और उनके बेटे जेसी अस्मित रेड्डी को आंध्र प्रदेश की अनंतपुर पुलिस ने आज सुबह हैदराबाद से गिरफ्तार किया.
जेसी परिवार लंबे समय से परिवहन व्यावसाय से जुड़ा हुआ है और वाहनों के फर्जी एनओसी और बीमा दस्तावेज से संबंधित 24 केस उनके खिलाफ दर्ज हैं.
बता दें कि जेसी दिवाकर रेड्डी (पूर्व सांसद) जेसी प्रभाकर रेड्डी (पूर्व एमएलसी) रायलसीमा के प्रभावशाली नेता माने जाते रहे हैं और कई वर्षों से कांग्रेस में थे. लेकिन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग होने के बाद दोनों नेता टीडीपी में चले गए थे.
आंध्र प्रदेश में आतंकवादी शासनः टीडीपी
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेटे और टीडीपी नेता नारा लोकेश ने जेसी प्रभाकर रेड्डी की गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जेसी प्रभाकर रेड्डी और उनके बेटे जेसी अस्मित रेड्डी की गिरफ्तारी करा कर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने फिर से अपनी सियासी बदले की भावना को जाहिर किया है.
नारा लोकेश ने कहा कि वाईएस जगन रेड्डी, जिन्होंने खुद 16 महीने की जेल काटी और जिनके खिलाफ 11 मल्टी मिलियन भ्रष्टाचार का आऱोप है. अब वह टीडीपी के हर नेता को फर्जी आरोपों में जेल में डालना चाहते हैं. जगह मोहन रेड्डी को असुरक्षा की भावना सता रही है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जिस दिन से सत्ता में आई है वह जेसी परिवार के पीछे पड़ी हुई है. यह आंध्र प्रदेश में आतंकवाद शासन है.
CBI जांच के आदेश पर भड़के चंद्रबाबू नायडू, कहा- अपने गिरेबां में झांके जगन मोहन
इससे पहले, टीडीपी के विधायक दल के उप नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री के अत्चन्नायडू को ईएसआई कॉर्पोरेशन में 151 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के संबंध में राज्य भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के अधिकारियों ने शुक्रवार को हिरासत में ले लिया था.
अत्चन्नायडू पूर्ववर्ती टीडीपी सरकार में श्रम मंत्री थे, जब दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में यह कथित घोटाला हुआ था. एसीबी के अधिकारी शुक्रवार तड़के श्रीकाकुलम जिले के तेक्काली में टीडीपी के वरिष्ठ नेता के आवास पर गए और उन्हें हिरासत में ले लिया.
ESI घोटालाः आंध्र प्रदेश में TDP के शीर्ष नेता और विधायक नायडू गिरफ्तार
राज्य सतर्कता एवं प्रवर्तन विभाग की जांच में इस साल फरवरी में कर्मचारी राज्य बीमा निगम में घोटाले का पर्दाफाश करने का दावा किया गया. ऐसा आरोप है कि जब टीडीपी सत्ता में थी तो 2014 से 2019 के बीच कई शीर्ष अधिकारी इस घोटाले में शामिल रहे.