जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी और आतंकी अफजल गुरु को शहीद बताए जाने का विरोध करते हुए रविवार को दिल्ली में पूर्व सैनिकों ने 'देश बचाओ मार्च' निकाला. इस दौरान बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक व अन्य बैनर पोस्टर के साथ ही तिरंगा लहराते हुए राजघाट से जंतर-मंतर पहुंचे. इस मार्च को बीजेपी और आरएसएस का भी समर्थन मिला.
पीपुल फॉर नेशन नाम के संगठन की तरफ से पहले ही इस मार्च की घोषणा की गई थी. खास बात यह भी रही कि इस एकता मार्च को आम लोगों का भी समर्थन मिला.
Delhi: Ex-servicemen take out ''March For Unity'' from Rajghat against anti-national activities at #JNU pic.twitter.com/FaOd8IrhZW
— ANI (@ANI_news) February 21, 2016
पूर्व सैनिकों का कहना है कि जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारे लगाए जाना उन शहीदों का अपमान है, जो देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर जान गंवा देते हैं. बता दें कि केंद्र में सत्तासीन बीजेपी भी 18 से 20 फरवरी तक देशभर में जेएनयू के मुद्दे पर 'जन स्वाभिमान अभियान' चला रही है.
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— ANI (@ANI_news) February 21, 2016
दूसरी ओर, पूर्व सैनिकों की इस मार्च के बीच टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ट्विटर पर जेएनयू विवाद मामले में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा, 'जहां तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस की बात है तो देश की सैन्य बल ही हमारी अभिव्यक्ति की आजादी और बहस को सुनिश्चित करने का काम करते हैं.'