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Exclusive: अगस्ता डील का भगोड़ा बिचौलिया मिशेल CBI के सामने पेशी के लिए तैयार

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में इंडिया टुडे टीवी की ओर से ब्रिटिश हथियार विक्रेता और प्रमुख बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने कहा कि समय तेजी से भाग रहा है और वह CBI की जांच का सामना करने के लिए भारत आने पर विचार कर रहा है. 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी चॉपर डील से जुड़े इस घोटाले पर मिशेल के सीक्रेट्स नोट्स को लेकर इंडिया टु़डे ने बुधवार को रिपोर्ट दिखाई थी.

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इंडिया टुडे नेटवर्क को क्रिश्च‍ियन मिशेल से संयुक्त अरब अमीरात में संपर्क करने में कामयाबी मिली
इंडिया टुडे नेटवर्क को क्रिश्च‍ियन मिशेल से संयुक्त अरब अमीरात में संपर्क करने में कामयाबी मिली

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अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में इंडिया टुडे टीवी की ओर से ब्रिटिश हथियार विक्रेता और प्रमुख बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के सीक्रेट नोट्स के खुलासे के झटके जहां संसद में महसूस किए गए, वहीं खुद मिशेल ने गुरुवार को कहा कि समय तेजी से भाग रहा है और वह CBI की जांच का सामना करने के लिए भारत आने पर विचार कर रहा है. 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी चॉपर डील से जुड़े इस घोटाले पर मिशेल के सीक्रेट्स नोट्स को लेकर इंडिया टु़डे ने बुधवार को रिपोर्ट दिखाई थी.

यूएई में मिशेल से संपर्क साधने में मिली कामयाबी
इंडिया टुडे नेटवर्क को मिशेल से गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात में संपर्क करने में कामयाबी मिली. मिशेल ने अबू धाबी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दिए इंटरव्यू में डील से जुड़े कुछ ई-मेल्स और फैक्स भेजना स्वीकार किया. मिशेल के मुताबिक, उसने 8 साल पहले इन्हें यूरोप में बैठे अपने आकाओं को भेजा था.

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उच्च पदस्थ सूत्रों से हासिल किए गए मिशेल के सीक्रेट नोट्स पर इंडिया टुडे ने बुधवार को रिपोर्ट का प्रसारण किया था. मिशेल की ओर से 10 अप्रैल 2008 को अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी 'फिनेमैकेनिका' को भेजी गई चिट्ठी के बारे में पूछा गया. इसमें लिखा था कि सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) ने 'हमारे साथ (मिशेल और उसके आका) सहमति कायम करने के लिए प्रवक्ता नियुक्त किया है'.

जब मिशेल से CCS की ओर से प्रवक्ता की कथित नियुक्ति पर स्थिति को और साफ करने के लिए कहा गया तो मिशेल ने दावा किया कि ये निविदा प्रस्ताव की समीक्षा के लिए आधिकारिक पद होता. मिशेल ने कहा, 'अगर कोई सदस्य नियुक्त होता तो ये प्रस्ताव के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा और सवाल करने के लिए आधिकारिक नियुक्ति होती. मैं समझता हूं कि ये सभी प्रतिस्पर्धियों के मामले में किया जाता है.' मिशेल ने साथ ही कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि CCS से कोई संपर्क नहीं हुआ.'

मिशेल ने रक्षा सौदे के प्रतिस्पर्धियों की हटाने की बात स्वीकारी
इंडिया टुडे ने मिशेल से अन्य प्रतिस्पर्धियों को हटाने संबंधी बयान पर भी बात की. मिशेल ने 10 अप्रैल 2008 की चिट्ठी में लिखा था- 'हम इस स्थिति में प्रतिस्पर्धा को अयोग्य ठहराने के लिए जानबूझ कर और सोच समझ कर कोशिश कर रहे हैं. इसमें अकेली निविदा को बुलाए जाने और फिर दोबारा निविदा दाखिल करने के सारे खतरे शामिले हैं.'

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मिशेल ने गुरुवार को इस बाबत कहा- 'ये प्रतिस्पर्धियों का काम होता है कि वे एक दूसरे को अयोग्य ठहराने की कोशिश करें. टेंडर में यही सब कुछ होता है. ऐसा ही उन्होंने किया. इसमें अवैध जैसा कुछ भी नहीं है. इसमें तकनीकी मुद्दों के अध्ययन के साथ दूसरों के प्रदर्शन को भी देखना होता है. देखना होता है कि क्या वो पात्रता के मानदंडों को पूरा करते हैं. ये सामान्य बात है.'

हथियारों के दलाल और खुद को अगस्ता वेस्टलैंड का सलाहकार बताने वाले मिशेल ने साथ ही हाथ से लिखे नोट्स को अपना मानने से इनकार कर दिया. मिशेल ने ऐसे नोट्स को फर्जी बताया. मिशेल ने आरोप लगाया कि इन फर्जी नोट्स को रद्द हेलीकॉप्टर डील के दूसरे कथित बिचौलिए गुइडो हैशके ने तैयार किया. मिशेल ने दावा किया- 'इन्हें इटली की कोर्ट में पेश किया गया था और उनमें से हर एक या तो जालसाजी का नतीजा था या वो संदर्भ से हटा कर पेश किए गए. वो मेरी ओर से नहीं भेजे गए थे.'

यूपीए के शीर्ष नेताओं को घूस देने से मिशेल का इनकार
मिशेल ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया कि हेलीकॉप्टर कॉन्ट्रेक्ट के लिए यूपीए प्रशासन में फैसले लेने की क्षमता वाले शीर्ष लोगों को घूस दी गई थी. मिशेल ने कहा, 'ये सोचना हास्यास्पद है कि पूरी सरकार, आपूर्ति से जुड़ा पूरा ढांचा और पूरी सेना इसमें शामिल थी. ऐसा कैसे संभव है कि उनमें से हर एक तक पहुंच बना ली जाती.'

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नई दिल्ली की ओर से अगस्ता वेस्टलैंड के संदिग्धों को कानूनी अंजाम तक लाने के लिए प्रयास तेज किए जाने से मिशेल में घबराहट दिखाई दी. मिशेल ने स्वीकार किया कि वो अब CBI से ज्यादा देर तक छुप नहीं सकता. मिशेल ने कहा- 'CBI के सामने मेरे बैठने की जरूरत है. मैं इससे सहमत हूं. आखिरकार, मैं समझता हूं कि ये बिल्कुल साफ है, इस रास्ते या दूसरे, मैं CBI के सामने होउंगा.'

मिशले को भारत आने पर जेल में डाले जाने का डर
मिशेल ने स्वीकार किया कि उन पर पूछताछ के लिए पेश होने का दबाव बढ़ता जा रहा है. मिशेल ने कहा, 'जो हो रहा है, उससे मैं नफरत करता हूं. मैं आश्वस्त हूं कि इस स्थिति में सरकार या विपक्ष के लिए कोई आनंद की बात नहीं है. ऐसे में कोई रास्ता ढूंढने की जरूरत है.'

हालांकि मिशेल ने साथ ही आशंका जताई कि ट्रायल लंबित होने की वजह से उन्हें भारत में जेल में डाला जा सकता है. मिशेल ने कहा, मैं ऐसा रास्ता ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा हूं, जिसमें कैद होने से बचा जा सके. ये मेरी समस्या है जिसके लिए मेरा चिंतित होना तार्किक मुद्दा है. अगर कैद ना किए जाने पर मैं कुछ आश्वासन पाने में सफल रहा तो मैं यात्रा करने के लिए तैयार हूं. मैं (भारत) आऊंगा, लेकिन मैं समझता हूं कि ये मुश्किल है. अभी हम गतिरोध देख रहे हैं लेकिन हम किसी समाधान को निकालने के लिए कोशिश कर रहे हैं.'

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अगस्ता डील पर मुहर के लिए दी गई थी 115 करोड़ की घूस
CBI में उच्च पदस्थ सूत्रों से इंडिया टुडे को हासिल मिशेल की डायरियों से ये खुलासा हुआ है कि यूपीए शासन में अगस्ता वेस्टलैंड डील पर मुहर लगवाने के इरादे से भारत के सबसे रसूखदार सियासी परिवारों में से एक को 1.6 करोड़ यूरो (115 करोड़ रुपये) तक जितनी मोटी घूस दी गई थी.

डील के प्रमुख बिचौलिए मिशेल ने बड़ी सतर्कता से इन नोट्स को सहेज रखा था. इनसे अकाट्य सबूत मिलते हैं कि किस तरह पर्दे के पीछे रह कर बिचौलियों ने मनमोहन सिंह सरकार के वक्त 3600 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रेक्ट को मूर्त रूप दिया. मनमोहन सिंह सरकार ने इस कॉन्ट्रेक्ट पर 2010 में दस्तखत किए थे.

मिशेल के इन नोट्स को इटली की पुलिस ने जब्त किया था और बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हवाले कर दिया. इनसे पता चलता है कि अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमैकेनिका ने 5.2 करोड़ यूरो (373 करोड़ रुपये) का बजट भारत में डील को अंजाम देने के लिए घूस के लिए रखा हुआ था.

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