भारत सरकार इराक में दो साल से लापता चल रहे 39 भारतीय नागरिकों का पता लगाने के लिए फिर से बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू करने जा रही है. दो साल पहले इन भारतीय नागरिकों को खुंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने बंधक बना लिया था. अब उन भारतीयों की तलाश के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह फिर से इराक जाने वाले हैं.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने आज तक को बताया, "इराकी सेनाएं बदूश के आस-पास के इलाके को आईएस के कब्जे से आजाद कराने में लगी है. जैसे ही यह इलाका आईएस के कब्जे से मुक्त करा लिया जाता है, जनरल वी. के. सिंह को लापता भारतीय नागरिकों की तलाश के लिए वहां भेजा जाएगा."
आज तक कर चुकी है बदूश जेल का दौरा
आज तक भारत का पहला समाचार समूह है, जिसने लापता भारतीयों की तलाश के लिए अपनी टीम इराकी शहर मोसुल भेजा. आज तक की टीम की तफ्तीश के मुताबिक लापता भारतीय नागरिक अब तक जीवित हैं या मर चुके हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. आज तक की टीम को वहां कोई बदूश जेल नहीं मिली, मिला तो सिर्फ जेल की इमारत का ढह चुका मलबा.
भारत को सूचित करेगी इराक सरकार
इराकी सरकार जैसे ही ताल अफार सहित पूरे शहर से आईएस को खदेड़ देती है, वह भारत सरकार को अपने नागरिकों की तलाश के लिए बुलाएगी.
आईएस ने दो साल पहले मोसुल पर कब्जा करने के साथ ही वहां रह रहे 39 भारतीय नागरिकों को बंधक बना लिया था. आखिरी बार लापता भारतीयों के बदूश जेल में होने की खबर थी.
वी. के. सिंह को सौंपी गई है ऑपरेशन की कमान
वी. के. सिंह को ही इन लापता भारतीय नागरिकों को तलाश करने का अभियान सौंपा गया है.
इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी ने जून, 2017 में जब मोसुल को आईएस के कब्जे से मुक्त करा लिए जाने की घोषणा की थी, तब भी वी. के. सिंह लापता भारतीयों की तलाश के सिलसिले में इरबिल गए थे.