भारत ने उम्मीद जताई है कि इस साल के आखिर तक जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने बताया कि भारत इस पर धैर्य के साथ काम कर रहा है और सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
हमारे सहयोगी 'इंडिया टुडे' के साथ खास बातचीत में अकबरूद्दीन ने कहा, 'हम सब्र से लेकिन बहुत सारे सदस्य देशों के साथ काम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सदस्य देशों की सहयोग से हम अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे और वो लक्ष्य एक आतंकी को लिस्ट में लाना है जो एक आतंकी संगठन को चला रहा है. हम आधा काम कर चुके हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही इसे पूरा कर लेंगे.'
पठानकोट हमले के बाद भारत ने रखा था प्रस्ताव
भारत ने इस साल रेजोल्यूशन 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति के सामने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ये कदम उठाया था, जिसका मास्टरमाइंड मसूद अजहर था.
चीन ने लगा दिया था अड़ंगा
हालांकि पाकिस्तान के साथ करीबी रिश्ते रखने वाले चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था. पाकिस्तान ने कोई भी कारण दिए बिना इस पर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया था और चीन ने ऐसा दूसरी बार किया था. इस साल दिसंबर में चीन की तरफ से लगाई गई रोक खत्म हो जाएगी. चीन को या तो सहयोगी देशों को इसमें सपोर्ट करना होगा या फिर वो इस रेजोल्यूशन को ब्लॉक करने के लिए अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकता है.
दिसंबर के बाद चीन नहीं लगा पाएगा अड़ंगा
सैयद अकबरूद्दीन ने उम्मीद जताई है कि इस साल के अंत तक इस मामले में तेजी आएगी, क्योंकि मसूज अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद पहले से ही प्रतिबंधित आतंकवादी सगंठन है. ऐसे में मसूद अजहर को भी आतंकवादी घोषित किए जाने को लेकर भारत की उम्मीदें बढ़ गई हैं. अकबरूद्दीन ने कहा, 'उन्होंने (चीन) ने शुरुआत में 6 महीने के लिए टेक्निकल होल्ड के लिए कहा था और इसके बाद उन्होंने इसे 3 महीने और बढ़ाने के लिए कहा. तीन महीने का वक्त इस साल के अंत में खत्म हो रहा है. हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत में यूएन में उसे आतंकी घोषित किए जाने का तोहफा हमें मिलेगा.'