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केजरीवाल पर बरसे अन्ना हजारे, कहा- 'फैसलों में दिखती है तानाशाही'

समाजसेवी अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली में छिड़े विवादों पर आज तक से EXCLUSIVE बातचीत के दौरान कहा कि ऐसा तो होना ही था. उन्होंने कहा कि मैंने बहुत पहले ही अरविंद को इन सबके लिए चेताया था.

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समाजसेवी अन्ना हजारे
समाजसेवी अन्ना हजारे

समाजसेवी अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली में छिड़े विवादों पर आज तक से EXCLUSIVE बातचीत के दौरान कहा कि ऐसा तो होना ही था. उन्होंने कहा कि मैंने बहुत पहले ही अरविंद को इन सबके लिए चेताया था.

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अन्ना ने कहा कि मैंने अरविंद को चेताया था कि पार्टी से गलत लोग जुड़ेंगे और उसे यह भी साफ-साफ बताया था कि अच्छे आचरण वाले लोगों को पहचानना आसान नहीं होता है. हालांकि अन्ना ने केजरीवाल का बचाव भी किया उन्होंने कहा कि अरविंद अच्छे आचरण वाला स्वाभिमानी इंसान है, इस पर किसी को शक नहीं होना चाहिए. अरविंद इस समय अभिमन्यु की तरह है जो चक्रव्यूह में फंसा हुआ है. अन्ना ने कहा अपनी कुछ आदतों में बदलाव करके अरविंद सबकुछ सही कर सकते हैं.

'मुद्दों से भटक गई है AAP'
अन्ना ने कहा, 'मैने अरविंद जी को पहले ही कहा था कि एक राजनीतिक पार्टी देश में बदलाव नहीं ला सकती . यह आजादी के बाद से ही चला आ रहा है. अब तो 68 साल हो गए हैं. उन्होंने तब बदलाव की राजनीति का दावा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद उनके रंग बदल गए. जनता के पास पावर होनी चाहिए थी लेकिन AAP अपने मुद्दों से भटक गई.'

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अन्ना ने कहा कि उनके जैसे लाखों लोग केजरीवाल के वादे पूरे होने की राह देख रहे हैं. AAP ने भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा किया था, लेकिन पार्टी के नेताओं की छवि खुद ही साफ नहीं रही. आशा की जगह लोगों को निराशा मिल रही है.

'योगेंद्र प्रशांत को निकालना बिल्कुल सही'
योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी को पार्टी से निकालना गलत नहीं है. पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोगों को बाहर निकालना बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा, 'मैंने पहले ही अरविंद से सवाल किया था कि आप लोगों की छवि साफ है ये कैसे तय करेंगे, लेकिन उन्होंने उस वक्त इसका जवाब नहीं दिया था और अब भी नहीं दे पाएंगे. गलत लोगों चुनाव ही केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है.'

'तानाशाही हैं केजरीवाल के फैसले'
अन्ना ने माना कि अरविंद केजरीवाल के फैसलों और उनकी नीतियों में तानाशाही झलकती है. उन्होंने कहा, 'केजरीवाल हर बात 'इगो' में लेते हैं. उन्हें बयानबाजी में फंसने के बजाय विरोधियों को अपने काम से चुप कराना चाहिए.'

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