कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना है कि राजनीति के हर दौर में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं. 'आज तक' ने सोनिया गांधी से एक्सक्लूसिव बातचीत की. सोनिया गांधी की मानें राजनीति में वक्त के हिसाब से चेहरे भी बदलते और उभरते हैं. सोनिया से वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने खास बातचीत की.
राजदीप: कुछ लोग मानते हैं कि इस वक्त कांग्रेस को इंदिरा गांधी जैसे नेता की जरुरत है?
सोनिया: हर दौर में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं और फिर चेहरे भी वक्त के हिसाब से बदलते हैं.
राजदीप: लोग कहते हैं कि नरेंद्र मोदी इंदिरा गांधी जैसे मजबूत नेता हैं?
सोनिया: मैं इस बात से सहमत नहीं हूं, इंदिरा और उनकी राजनीति को मत भूलिए. वो कांग्रेस अध्यक्ष बनी, फिर पीएम बनी. लेकिन उनका मजाक बनाया गया. उन्हें अपमानित किया गया. पार्टी के भीतर ही उन्हें निशाना बनाया गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, मुकाबला किया और विजय हासिल की.
राजदीप: क्या आपने लड़ने का जज्बा इंदिरा गांधी से सीखा है? क्योंकि पहले आपको निशाने पर लिया गया और अब राहुल गांधी पर हमले हो रहे हैं? क्या आपको लगता है कि पार्टी को और बदलने की जरूरत है, क्योंकि 60-70 के दशक में मोदी जी जैसे नेता नहीं थे?
सोनिया: हर दौर में अपने तरह की चुनौतियां और राजनीतिक चेहरे होते हैं. इसलिए पार्टी में बदलाव की जरूरत नहीं है. मुझे लगता है कि कांग्रेस की मौजूदा रणनीति बिल्कुल सही है.
राजदीप: लोगों का आरोप है कि इंदिरा गांधी ने कांग्रेस में वंशवाद को बढ़ावा दिया?
सोनिया: ये आरोप गलत है, जवाहर लाल नेहरू जनता के नेता थे. इंदिरा गांधी लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आई थीं, उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर बल दिया. लोग साथ जुड़ते गए और पार्टी मजबूत होती गई. फिर पार्टी ने ये तय किया किसे आगे करना है. इंदिरा ने केवल गरीबों के हित में काम किया.
राजदीप: इंदिरा गांधी से आपकी पहली मुलाकात कब हुई थी?
सोनिया: इंदिरा जी से पहली मुलाकात लंदन में हुई थी, इंदिरा जी को राजीव और मेरे बीच नजदीकियों की खबर लगी थी तो उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम राजीव से शादी करना चाहती हो. उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. मैं चाहती थी कि राजीव राजनीति में नहीं जाएं.
राजदीप: क्या कांग्रेस के लिए ये सबसे मुश्किल घड़ी है जब महज लोकसभा में 44 सीटें मिली?
सोनिया: हां, फिलहाल लोकसभा में हमारे 44 सांसद हैं, लेकिन भरोसा है कि वापसी करेंगे. राजनीति में ये सब चलते रहता है. हार-जीत से पार्टी की नीति नहीं बदलती है.
राजदीप: जिस दिन इंदिरा गांधी पर हमले हुए थे, आप कहां थीं और आपको कैसे पता चला?
सोनिया: दिवाली की तैयारियां चल रही थी, मैं अपने कमरे में थे, अचानक किसी की रोने और चीखने की आवाज आई. जब हम बाहर निकले तो बताया गया कि इंदिरा जी पर हमला किया गया है. फिर हमने देखा कि वो जमीन पर गिरी हुई थीं और उनके शरीर पर कई गोलियां लगी थीं. कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या हो गया. उनको उठाकर लेकर एम्स गए लेकिन उन्हें बचा नहीं पाए.