भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ सच बोलने के बजाय उलटे-सीधे तर्कों के जरिए पाकिस्तान सरकार का बचाव करते दिखे.
'आज तक' से खास बातचीत में परवेज मुशर्रफ ने कहा कि कुलभूषण के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका है, वो सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
जब परवेज मुशर्रफ से पूछा गया कि कुलभूषण की सुनियोजित तरीके से हत्या की साजिश रची जा रही है. मुशर्रफ ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया.
यही नहीं, जब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के सामने ये तर्क रखा गया है कि पिछले साल के दिसंबर महीने में नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था कि कुलभूषण के खिलाफ उनके पास कोई सबूत नहीं है. लेकिन अचानक फांसी की सजा का ऐलान कितना जायज है. इस सवाल के जवाब में परवेज मुशर्रफ ने पहले चुप्पी साध ली. जब फिर यही सवाल दोहराया गया तो उन्होंने दबी जुबान कहा कि बाद में सबूत मिला होगा.
जब पाकिस्तान की नियत पर सवाल उठाया गया कि कुलभूषण को काउंसलर एक्सिस क्यों नहीं दिया गया? इस सवाल में घिरते देख परवेज मुशर्रफ ने कहा कि कुछ तो कारण रहा होगा. यानी वो सच बोलने से बच रहे थे. क्योंकि परवेज मुशर्रफ पाकिस्तानी सेना के प्रमुख रह चुके हैं और वो पूरी तरह से वाकिफ हैं किसी को जासूसी के आरोप में जब पकड़ा जाता है तो उसे काउंसलर एक्सिस कानूनी तौर पर मिलता है. लेकिन कुलभूषण के मामले में पाकिस्तान सच से डर रहा है.
लगातार कुलभूषण मामले पर सवाल दागने के बाद परवेज मुशर्रफ ने कहा कि मैं हुकुमत नहीं हूं और कुलभूषण के मामले में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. लेकिन परवेज मुशर्रफ को पता है कि अगर कुलभूषण को काउंसलर एक्सिस मिला तो पाकिस्तानी सेना का असली चेहरा दुनिया के सामने आ जाएगा.