आंध्रप्रदेश और ओडिशा की सरहद पर स्थित कुनेरू रेल हादसे को घटित हुए हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. इस हादसे की अभी तक प्राथमिक रिपोर्ट तक नहीं आई है. रेलवे मंत्रालय के अलावा NIA भी इस घटना की जांच कर रहा है. राज्य सरकार ने खासतौर पर ओडिशा पुलिस ने इस अंदेशे को ख़ारिज कर दिया है कि केन्नूर रेल हादसे के पीछे नक्सलियों का हाथ है. हाथ है या नहीं इसकी असलियत तो तब सामने आएगी जब अधिकृत जांच रिपोर्ट का खुलासा होगा. लेकिन, हम आपको बताते हैं कि इस घटना की असल वजह क्या है... वो भी एक रेलवे अफसर की जुबानी.
रेलवे अधिकारी, जो इस रेलवे जोन में ट्रेनों की आवाजाही पर अपनी नजर रखते हैं. उनके मुताबिक कुनेरू रेल ट्रैक पर महीने भर से न तो मरम्मत का काम हुआ और न ही रेलवे इंजीनियरों और टेक्निशियनों ने इस रेलवे ट्रैक का मुआयना किया था. अधिकारी का यह भी कहना है कि ज्यादातर गैंग मैन और कर्मचारी रेलवे के आला अफसरों के बंगलो में काम कर रहे हैं. नतीजतन रेलवे ट्रैक की देखभाल नहीं होने से हादसे हो रहे हैं.
22 और 23 जनवरी की दरमियानी रात केन्नूर रेल हादसे में 41 से ज्यादा रेल यात्रियों की जान चली गई थी. एक सैकड़ा से ज्यादा यात्री बुरी तरह घायल हुए थे. इस रेल हादसे की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. हालांकि इस रेलवे ट्रैक पर यात्रा बहाली सामान्य किये जाने को लेकर रेलवे कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं. जल्द से जल्द इस रेलवे ट्रैक पर आवाजाही पहले की तरह शुरू हो जाने की उम्मीद है.
कुनेरू रेल हादसे की अभी प्राथमिक जांच रिपोर्ट तक सामने नहीं आई है और विस्तृत रिपोर्ट कब आएगी कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन रायगड़ा जिला प्रशासन की जांच के बाद ओडिशा पुलिस ने इस बात को खारिज कर दिया है कि केन्नूर रेल हादसे के पीछे नक्सलियों का कोई हाथ है. प्रशासन के मुताबिक इस रेलवे ट्रैक पर अरसे से कोई नक्सली गतिविधि नहीं देखी गई और न ही इस इलाके में नक्सलियों का बोलबाला है.
रायगड़ा के एडिशनल कलेक्टर एल एन बरुआ के मुताबिक इस हादसे को लेकर नक्सलियों की मौजूदगी या फिर उनके द्वारा इस घटना को अंजाम देने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. प्रशासन की इस जांच और नक्सली कनेक्शन को खारिज किए जाने के बाद सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कुनेरू रेल हादसे की वजह क्या है? इस बात की पड़ताल के लिए हमने भी इस रेल जोन के काम काज को जानने-बुझने की कोशिश की.
हमारी पड़ताल के दौरान रेलवे के एक अफसर ने कुनेरू रेल हादसे की वजह का खुलासा किया. इस अफसर के मुताबिक इस रेलवे ट्रैक पर महीने भर से मरम्मत का कोई काम नहीं हुआ. गैंग मेन और इंजीनियरों की टीम सिर्फ कागजी खानापूर्ति करती रही. जबकि घटना वाले दिन के पहले चौबीस घंटे तक इस रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली गाड़ियों की सामान्य रफ़्तार के बावजूद ट्रैक से तेज आवाजें आ रही थीं. इस आवाज को मालवाहक और यात्री गाड़ियों दोनों के लोको पायलट ने महसूस भी किया था. लेकिन इस आवाज को सामान्य लिया गया. हादसे के बाद तमाम लोको पायलट के कान खड़े हो गए.
फिलहाल इस खुलासे के बाद कुनेरू रेल हादसे की वजह को लेकर छाया धुंधलका कुछ छटने लगा है. लेकिन इस घटना की हकीकत तो तब सामने आएगी जब जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगी. हालांकि इस खुलासे को लेकर रेलवे अफसरों का अपना तर्क है. कुनेरू रेल हादसे की जांच रिपोर्ट पर रेलवे के कर्मियों ही नहीं बल्कि आम लोगों की भी निगाहें लगी हुई है. इस हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर लोग सामान्य और बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे. रेलवे मंत्रालय इस घटना में मारे गए यात्रियों और घायलों को राहत राशि घोषित कर चुका है. लेकिन, अब रेलवे के ही भीतर से इस हादसे की जो वजह जाहिर की जा रही है, उसे भी जांच के बिन्दुओं में शामिल किया जाएगा, यह कहना मुश्किल है.