मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने आजतक के कार्यक्रम में संघ से जुडे लोगों की नियुक्ति के आरोपों को बेबुनियाद ठहराया है. देश के लिए नई शिक्षा नीति की जरूरत पर बल देते हुए मंत्री ने कहा कि दिसंबर तक नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को तैयार करने का लक्ष्य किया गया है. सरकार ऐसी नीति बनाना चाहती है, जिसमें आम लोगों की भी भागीदारी हो.
एजुकेशन कॉन्क्लेव में सवालों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, 'ICHR में योग्य शख्स की नियुक्ति हुई है और RSS से जुड़े लोगों की नियुक्ति के आरोप सरासर गलत हैं.' उन्होंने कहा कि शिक्षा का काम स्वयं की क्षमता को पहचानना है. ऐसे में उनकी और मंत्रालय की कोशिश सरकारी संस्थानों में बेहतर सुविधा मुहैया करने की है.
मंत्री ने कहा, 'आज जिनसे पिछले वर्षों का हिसाब मांगा जा रहा है, उनमें बेचैनी है. जिन लोगों के नाम लेकर हम पर शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों के भगवाकरण का आरोप लग रहा है, वही लोग कांग्रेस के शासन काल में भी शिक्षण संस्थानों में या शिक्षा नीति तय करने वाले औहदों पर रह चुके हैं. तो क्या कांग्रेस भी RSS के लोगों को नियुक्त करती थी?'
देश को चाहिए नई शिक्षा नीति
स्मृति ईरानी ने नई शिक्षा नीति की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बीते 20-22 वर्षों में दुनिया बदल गई, लेकिन हमारी शिक्षा नीति नहीं बदली. उन्होंने कहा, 'दिसंबर तक नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षा नीति में जनभागीदारी हो. गांवों से, शहरों से नीति में बदलाव को लेकर सुझाव आएं. कुछ चंद लोग शिक्षा नीति तय नहीं कर सकते.'
मंत्री ने कहा कि सरकार का किसी स्वायत्त संस्था में कोई दखल नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्रों के आगमन और इस ओर उनके लिए माहौल तैयार करने के बाबत स्मृति ने कहा कि छात्रों के भविष्य को निजी क्षेत्र के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. मंत्रालय कोई भी निर्णय करने से पहले छात्रों के हित को सबसे ऊपर रखती है.
मोबाइल App पर मुफ्त किताबें
स्मृति ने कहा कि सरकार हर किसी को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा तक पहुंचाना चाहती है. इसके लिए एक कोशिश यह भी है कि स्कूल की किताबों का डिजिटलाइजेशन करके उन्हें मोबाइल App के जरिए छात्रों तक मुफ्त में पहुंचाया जाए. इससे हर किसी की पहुंच जरूरी शिक्षा तक होगी.
मंत्री ने कहा कि उनकी कोशिश रही है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में कोर्स को रेगुलर किया जा सके.