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एस जयशंकर ने नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली के साथ की बैठक, विवादित नक्शे पर नहीं होगी वार्ता

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली गुरुवार को ही तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे थे. वहीं भारत की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि विवादित नक्शे को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी. 

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नेपाल के विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से की मुलाकात (फोटो-एएनआई)
नेपाल के विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से की मुलाकात (फोटो-एएनआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नेपाल के विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से की मुलाकात
  • दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे हैं प्रदीप ग्यावली

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने नेपाली समकक्ष प्रदीप कुमार ग्यावली के साथ बैठक की जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा की. दरअसल नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली गुरुवार को ही तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे थे. वहीं भारत की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि विवादित नक्शे को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी. 

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इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा कि नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली 14-16 जनवरी तक भारत की यात्रा पर रहेंगे. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान ग्यावली नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की छठी बैठक में भाग लेंगे और विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे. 

एक सवाल के जवाब में श्रीवास्तव ने कहा कि सीमा मुद्दे पर भारत का रूख स्पष्ट है और संयुक्त आयोग और सीमा मुद्दे से जुड़ा तंत्र अलग अलग है. नेपाल सरकार द्वारा पिछले साल विवादित नया नक्शा प्रकाशित किए जाने के कारण उभरे सीमा विवाद के बाद इस देश के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा है. 

इस विवादित नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया था. नेपाल के इस कदम पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और उसके दावे को खारिज किया था.

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बहरहाल, नेपाल में संसद भंग किये जाने और चुनाव कराने के फैसले एवं चीन के हस्तक्षेप के बारे में एक सवाल के जवाब में भारत में विदेश मंत्रालय ने सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए हाल में कहा था कि वह पड़ोसी देश और वहां के लोगों का शांति, समृद्धि और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने में समर्थन करना जारी रखेगा.

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नेपाल के प्रधानमंत्री बोले- भारत से वापस लेंगे कालापानी

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को कहा है कि वह कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख भारत से वापस लेकर रहेंगे. नेपाल की नेशनल एसेंबली के सत्र को संबोधित करते हुए ओली ने कहा, "महाकाली नदी के पूर्व में स्थित कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख सुगौली संधि के तहत नेपाल का हिस्सा हैं. हम भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के जरिए इन इलाकों को वापस लेंगे."

ओली ने रविवार को कहा, "हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में काफी प्रगति की है. मैं भारत का सच्चा दोस्त बनना चाहता हूं. लेकिन नेपाल भारत के साथ बराबरी पर आधारित दोस्ती चाहता है. विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञावली 14 जनवरी को भारत के दौरे पर जाएंगे. ज्ञावली के दौरे में सीमा विवाद समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत होगी. ये बहुत जरूरी है क्योंकि हम भारत के साथ बेहतर द्विपक्षीय संबंध स्थापित करना चाहते हैं."

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ओली फिलहाल नेपाल में राजनीतिक संकट में घिरे हुए हैं. दिसंबर महीने में, नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने ओली के सुझाव पर संसद भंग कर दी थी और अप्रैल-मई में मध्यावधि चुनाव कराने का ऐलान किया था. नेपाल के विपक्षी दल और ओली की पार्टी का विरोधी धड़ा इस कदम को असंवैधानिक और तानशाही करार दे रहा है.

 

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