विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को औपचारिक तौर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. वह संसद भवन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए. एस जयशंकर ने 30 मई को मोदी सरकार के शपथग्रहण समारोह में विदेश मंत्री पद की शपथ ली थी. अब 25 दिन बाद उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर फिलहाल संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें गुजरात से राज्यसभा भेज सकती है. बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो गई हैं.
कैबिनेट मंत्री बनाए गए एस. जयशंकर को 6 महीने के भीतर संसद के किसी भी सदन का हिस्सा बनना होगा. 1977 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी एस जयशंकर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2015 से 2018 तक विदेश मंत्रालय में सचिव रहे.
External Affairs Minister Subrahmanyam Jaishankar formally joined BJP today in presence of Working President J.P. Nadda, at Parliament House. (file pics) pic.twitter.com/2RdPJ3Fspx
— ANI (@ANI) June 24, 2019
वह अमेरिका, चीन और चेक गणराज्य में भारत के एम्बेस्डर और सिंगापुर में हाई कमिश्नर के तौर पर कार्य कर चुके हैं. उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. विदेश सचिव के रुप में कार्यकाल पूरा होने के बाद जयशंकर को टाटा समूह के वैश्विक कारपोरेट मामलों का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
मोदी सरकार में अहम ओहदे पर रहे जयशंकर को पीएम मोदी के विदेशी दौरों की सफलता का श्रेय भी दिया जाता है. कूटनीतिक मामलों में उनका अच्छा दखल माना जाता है. जयशंकर को चीनी मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. वह चीन में राजदूत के तौर पर कार्य करने का भी अनुभव रखते हैं. ऐसे में उनके सामने पड़ोसी चीन के साथ संबंधों को मजबूती देने की चुनौती भी होगी.