रेड वाइन अगर सीमित मात्रा में पी जाये तो इसके कई फायदे हैं. भारतीय मूल के शोधकर्ता ने फायदों की सूची में एक नयी बात को जोड़ते हुये कहा है कि रेड वाइन के सेवन से आंख की रोशनी बरकरार रहती है. डा. राजेन्द्र आप्टे के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने यह पाया कि अंगूर और इसके जैसे अन्य फलों के रस जिससे कि रेड वाइन का निर्माण होता है, में वे तत्व मौजूद होते है जिससे आंखों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले रक्त की नलिकाओं में बढती उम्र के कारण होने वाली क्षति को भरने की क्षमता होती है.
द डेली टेलीग्रॉफ की रिपोर्ट के अनुसार इसमें रेसविरेट्राल नाम का यौगिक पाया जाता है जो बढ़ती उम्र में होने वाले कोशिकाओं के नुकसान को रोककर आंखों की रोशनी को बढाता है. यह यौगिक उम्र को घटाने में (एंटी ऐजिंग) और कैंसर से लड़ने के लिये उपयुक्त होता है और यह माना जाता है कि यह क्षतिग्रस्त रक्त कोशिकायें और उत्परिवर्तित (म्यूटेशन नाम की क्रिया जो कोशिकाओं की संरचना को परिवर्तित कर देती है) कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करता है.{mospagebreak}उत्परिवर्तन और बढती उम्र के कारण कैंसर, हृदय रोग और आंखों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डा आप्टे ने कहा कि यह अध्ययन एक व्यापक प्रभाव को पैदा करेगा जिससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि रेसविरेट्राल हार्मोन कैसे काम करता है और यह किस प्रकार से आंखों के अंदर और बाहर की कोशिकाओं से जुड़कर उसे प्रभावित करता है.
रेसविरेट्राल एक प्रकार का प्राकृतिक यौगिक है जो कई पौधों में जीवाणु और कवक से होने वाले संक्रमण से बचने के लिये निकलता है. यह अंगूर में भारी मात्रा में पाया जाता है. इससे पहले के शोध में इस बात को प्रमाणित किया जा चुका है कि रेसविरेट्राल हार्मोन एंटी एजिंग और कैंसर प्रतिरोधी क्षमता को विकसित करता है.