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नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण एक नजर में...

गुजरात में 'सत्ता की हैट्रिक' जमाने वाले मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी आजकल क्‍या सोचते हैं, क्‍या बोलते हैं, इस पर देश-दुनिया की निगाहें टिकी हैं. नरेंद्र मोदी इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में शिरकत करने वाले हैं, जहां वे हर मसले पर अपनी बेबाक राय रखेंगे.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

गुजरात में 'सत्ता की हैट्रिक' जमाने वाले मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी आजकल क्‍या सोचते हैं, क्‍या बोलते हैं, इस पर देश-दुनिया की निगाहें टिकी हैं. नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में शिरकत की, जहां उन्‍होंने हर मसले पर अपनी बेबाक राय रखी. जानिए कॉनक्‍लेव में मोदी से जुड़ा पल-पल का LIVE अपटेड...

-कॉनक्‍लेव में शिरकत करने के लिए नरेंद्र मोदी को धन्‍यवाद दिया गया.
-अपनी आलोचनाओं के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता, पर अगर कोई कमी मेरे ध्‍यान में आती है, तो मैं सुधार करूंगा.
-सवाल पूछा गया कि वॉर्टन यूनिवर्सिटी ने बोलने का न्‍योता दिया, फिर वापस लिया. आपको अभी भी सभी वर्गों के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं देखा जाता है.
-गुजरात के दंगों पर पूछे गए सवाल के जवाब में नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट बोल चुका है, गुजरात की जनता बोल चुकी है, इसलिए अगर मैं न भी बोलूं, तो भी चलेगा.
-देश को जोड़ेंगे कैसे, इस सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि जैसे क्रिकेट को लेकर लोग एकजुट हो जाते हैं, वैसे ही सवा सौ करोड़ लोगों को साथ बढ़ने की जरूरत है.
-नेहरूजी से जुड़े एक प्रसंग की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा देश को होटल की नहीं, अस्‍पताल की जरूरत है.
-अगर आप अच्‍छे निर्णय करके काम करना चाहते हैं, तो कोई भी सहयोगी पार्टी आपको नहीं रोक सकती है. करने पर कोई समस्‍या नहीं होती है. ज्‍यादातर समस्‍या न करने की वजह से होती है.
-गरीब आखिरकार गरीब है, चाहे जिस जाति का हो. लोगों के बीच दरार डालने की कोई जरूरत नहीं है.
-सेक्‍यूलरिज्‍म की अपनी परिभाषा को स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने कहा, जो भी फैसले करें, देशहित में करें. यही सेक्‍यूलरिज्‍म है.
-केंद्र ने पहले फैसला ले लिया, फिर इसे राज्‍यों के भरोसे छोड़ दिया.
-एफडीआई से छोटे उत्‍पादकों को भारी नुकसान होगा. इससे लिए देश को पहले तैयार किया जाना चाहिए था.
-एफडीआई से ही सिर्फ छोटे दुकानदारों को ही नुकसान नहीं होगा. इससे बाहरी सामान डंप किए जाने का भी खतरा है.
-भारत के संघीय ढांचे को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है.
-यूपीए-1 व यूपीए-2 ने केंद्र-राज्‍य संबंध को गहरी क्षति पहुंचाई है.
-मसला उठा कि हमारे देश का रक्षा बजट बहुत ज्‍यादा है. हमारे देश का 70 फीसदी हथियार विदेश से आता है. इस बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा सपना है कि हम रक्षा के काम में आने वाले हथियारों के सप्‍लायर बनें, बायर न बनें. ऐसा पूरी तरह संभव है.
-आफत को अवसर में बदला जा सकता है.
-पाकिस्‍तान से जुड़े सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, हमारे देश का सभी पड़ोसी देशों से अच्‍छे संबंध होने चाहिए, लेकिन देशहित की कीमत पर नहीं.
-21वीं सदी ज्ञान की सदी है. अब हिंदुस्‍तान का बच्‍चा-बच्‍चा कम्‍प्‍यूटर पर हाथ चला रहा है.
-सवाल पूछा गया कि आपको दिल्‍ली आने से किसने रोका है. मोदी ने जवाब दिया, मैं तो दिल्‍ली में ही बैठा हूं, मुझे -दिल्‍ली आने से किसी ने नहीं रोका है.
-मोदी ने कहा, न तो मैं इतना वयोवृद्ध हूं, न ही तपोवृद्ध हूं कि किसी को सलाह दे सकूं. लेकिन हमें देश के लिए जीना चाहिए.
-हिंदुस्‍तान में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्‍य गुजरात है.
-नरेंद्र मोदी ने कहा गुजरात में औद्योगिक विकास की दर सबसे ज्‍यादा है.
-हम गुजरात में कुपोषण की समस्‍या से उबरने में सक्षम हैं.
-कुपोषण के बारे में मुझे सच बोलने की सजा मिली. मेरी बात को गलत समझा गया. गुजरात में कुपोषण दूर करने में काफी सफलता मिली.
-अच्‍छे परिवारों में भी इस तरह की दिक्‍कत है.
-मैंने कहा था कि कुपोषण का एकमात्र कारण गरीबी ही नहीं है. मां-बाप बच्‍चे को दूध पिलाना चाहते हैं, लेकिन बच्‍चे नहीं सुनते.
-नरेंद्र मोदी ने कहा, गीव एंड टेक का काम बंद होना चाहिए.
-नरेंद्र मोदी से पूछा गया, पार्टी को चुनाव के लिए चंदे की जरूरत होती है. वह कहां से आएगा.
-पहले एडमिशन में धांधली होती थी, अब कम्‍प्‍यूटर के इस्‍तेमाल से करप्‍शन बंद हो गया.
-मेरे राज्‍य में ट्रांसफर उद्योग पूरी तरह बंद हो गया है. इससे जवाबदेही आई है. इससे कई समस्‍याएं निपट जाती हैं.
-आज हम अपनी युवा शक्ति को गंवा रहे हैं.
-नरेंद्र मोदी ने कहा, सबसे बड़ी समस्‍या तो हम खुद ही होते हैं.
-नरेंद्र मोदी से पूछा गया, सबसे बड़ी तीन समस्‍याओं के बारे में बताएं.
-नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि क्‍या आप प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. उन्‍होंने कहा, मेरा मानना है कि जीवन में कभी भी बनने के सपने मत देखो, कुछ करने के सपने देखो.
-नरेंद्र मोदी से सवाल-जवाब का सत्र शुरू हुआ.
-नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन समाप्‍त किया.
-अगर कोई अच्‍छा व्‍यक्ति प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा, तो हमारे सुझावों पर गौर करेगा.
-रेगिस्‍तान में सोलर-प्‍लांट बनाया जाए, जिससे ऊर्जा तो मिलेगी ही, घुसपैठ भी रुकेगी.
-ऐसे देशों का एक संगठन बनाया जाए, जिनके पास भरपूर सौर-ऊर्जा है. इससे ऊर्जा की दिशा में बड़ी तरक्‍की हो सकती है.
-विकास के लिए लीक से अलग हटकर सोचने की जरूरत.
-धार्मिक स्‍थल के लिए स्‍पेशल ट्रेनें चलाई जाएं, इससे फायदा होगा.
-जैसे शिवभक्‍त हों, तो ट्रेन को वैसा ही रूप दे दिया जाए.
-रेलवे में परिक्रमा ट्रेन की शुरुआत हो, वह भी प्राइवेट, सिर्फ पटरी ही हो सरकारी.
-रेल बजट का विकास से कोई नाता नहीं है. रेल की पटरी पर सरकारी पहिया की क्‍यों घूमती रहे.
-नरेंद्र मोदी ने चुटकी ली, जनता का फैसला आखिरी होता है...
-शहरों के आसपास सब्जियों के उत्‍पादन से किसानों को भी फायदा होगा, नगरवासियों को कम कीमत में सब्जियां मिलेंगी.
-आदिवासियों की मदद के लिए काम किया. गुजरात में रबरा वृक्षारोपण का काम बड़े स्‍तर पर हो रहा है. आदिवासियों को इस काम से जोड़ा गया.
-हमारे पास लोकतंत्र की बड़ी ताकत है.
-विचारों को संस्‍थागत रूप देने की जरूरत है. इससे स्‍थाई रूप से फायदा होता है.
-तकनीक की मदद से गुजरात में पारदर्शिता आई.
-भ्रष्‍टाचार से निपटने में तकनीक की अहम भूमिका हो सकती है.
-चेक पोस्‍ट की निगरानी से गुजरात को 2000 करोड़ का फायदा हुआ.
-सार्वजनिक वितरण प्रणाली की 50 फीसदी दुकानें महिलाओं की दी गईं.
-जनता की हर तरह की समस्‍याएं सुलझाए गए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार किए गए.
-गुजरात की जनता अधिकारियों से कहती है, काम करते हो या नहीं, अगर नहीं, तो मैं ऑनलाइन जाता हूं.
-गुजरात में स्‍कूल जाने की उम्र वाला हर बच्‍चा स्‍कूल जाता है. इसके लिए स्‍कूलों के कमरे बनाए गए.
-गुजरात को कर वसूली में 98 प्रतिशत कामयाबी मिली.
-देश को एक्‍ट नहीं, एक्‍शन की जरूरत है.
-मैं नौकरशाहों से पूछता हूं कि जो अच्‍छे से अच्‍छा हुआ है, वह हमें बताएं.
-अच्‍छी नौकरशाही की दिशा में गुजरात ने काम किया है.
-गुजरात में नदियों का अभाव, इसके बावजूद पानी की समस्‍या दूर की गई.
-विकास के लिए एक लक्ष्‍य होना जरूरी है.
-जनता और सरकार मिल-जुलकर देश की तरक्‍की के लिए आगे आएं, यही लोकतंत्र है.
-किसानों की तरक्‍की के लिए 'सुलजाम् सुफलाम्' योजना चलाई गई.
-टैक्‍स अदा करने के लिए नया तरीका अपनाया. मैंने कहा कि टैक्‍स न देने पर ढोल बजाने वाले आएंगे, जिससे पूरे मोहल्‍ले को यह पता चल जाएगा. इससे टैक्‍स में बहुत बढ़ोतरी हुई.
-विकास के लिए जनांदोलन की जरूरत है.
-विकास के काम से जब जनता जुड़ती है, तभी वास्‍तविक तरक्‍की होती है. यूपीए सरकार जनता से कट गई है.
-नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान महात्‍मा गांधी का उल्‍लेख किया.
-मोदी ने कहा, गुजरात ने जो किया, वह पूरा देश कर सकता है.
-रोजगार गारंटी स्‍कीम की जगह इसका नाम होना चाहिए विकास गारंटी स्‍कीम: नरेंद्र मोदी.
-नरेंद्र मोदी ने कहा, वर्ल्‍डकप में विजय मिलने पर गर्व का भाव होता है, तो क्‍या यह स्‍थाई हो सकता है. गुजरात के लोगों में गुजराती होने का स्‍थायी भाव आ चुका है.
-नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे जो विषय दिया गया है, वह है नमो मंत्र देश में भी काम आ सकता है या नहीं.
-नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास पर आधारित फिल्‍म दिखलाई.
-विकास के मसले पर होने जा रहा है नरेंद्र मोदी का संबोधन.
-गुजरात में बच्‍चे स्‍कूल नहीं छोड़ते हैं, शिक्षा के क्षेत्र में तरक्‍की.
-गुजरात में भूजल स्‍तर में काफी बढोतरी हुई.
-गुजरात में गांव-गांव तक पहुंचा पेयजल, शहरीकरण में भी अव्‍वल.
-इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में गुजरात की उपलब्धियों पर फिल्‍म दिखाई जा रही है.
-नरेंद्र मोदी ने कहा, पहले एक खास तरह की फिल्‍म देखते हैं, फिर आगे बात करेंगे.
-इंडिया टुडे ग्रुप के प्रेसीडेंट व एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने नरेंद्र मोदी का स्‍वागत किया.
-इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में पहुंचकर नरेंद्र मोदी ने खिंचवाई फोटो.
-इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में पहुंचे नरेंद्र मोदी.

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी लोग नरेंद्र मोदी की राय जानने को काफी उत्‍सुक हैं. वजह बिल्‍कुल सीधा-सादा है. बीजेपी में प्रधानमंत्री पद की उम्‍मीदवारी की रेस में नरेंद्र मोदी फिलहाल सबसे आगे नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं, पीएम पद की उम्‍मीदवारी को लेकर हाल के दिनों में मोदी और राहुल गांधी के बीच तुलना भी होती रही है. इसे देखते हुए भी मोदी की राय काफी मायने रखती है.

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अक्‍सर वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए भी लोगों को सम्‍बोधित करके देश-दुनिया के हालात पर बेबाक टिप्‍पणी करके सुर्खियों में छाए रहने वाले नरेंद्र मोदी कॉनक्‍लेव में क्‍या बोलते हैं, यह सस्‍पेंस आखिरकार खत्‍म हो गया. मोदी इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव के दूसरे दिन शनिवार को शाम के सत्र में 8 बजे से चर्चा में शामिल हुए.

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