सेना ने गुरुवार को स्वीकार किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे विवादित इलाकों में गश्त के दौरान भारत और चीन के सैनिकों का आमना सामना होता है, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सीमा पर दोनों देशों के बीच कोई मुठभेड़ हो सकती है.
निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने बताया, 'हमारे सैनिकों और पीएलए के सैनिकों की गश्त एक ऐसे इलाके में की जाती है जो विवादित है. दोनों देश इस इलाके पर अपना अपना दावा करते हैं इसलिए जब वहां गश्त होती है तो वहां आमना सामना होता है और इसे बातचीत के नियमों के मुताबिक निपटाया जाता है. इन मुद्दों से और सामने आने वाले गंभीर हालात से निपटने के लिए हमारे पास मजबूत तंत्र है.'
दरअसल, 13 लाख सैनिकों की क्षमता वाले मजबूत बल की कमान जनरल दलबीर सिंह सुहाग को सौंपने से पहले इस साल सीमा का 200 से अधिक बार उल्लंघन किए जाने के बारे में उनसे पूछा गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के साथ मुठभेड़ होने की संभावना है उन्होंने कहा कि इस देश के साथ ऐसी कोई संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा कुछ नजर नहीं आता क्योंकि हमारे पास मजबूत तंत्र है. एक सहमति भी है. उन्होंने बताया कि जब मैं चीन गया था तब दोनों देशों के बीच जबरदस्त सहमति थी और मुझे मुठभेड़ की कोई संभावना नजर नहीं आती. जनरल बिक्रम सिंह ने इस महीने की शुरुआत में चीन की यात्रा की थी और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध मजबूत करने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की थी.
भारत और चीन का पिछले साल उस वक्त आमना सामना हुआ था, जब चीनी सैनिक भारतीय सरजमीं में देपसांग घाटी में 19 किलोमीटर अंदर घुस आए थे.