फेसबुक डेटा लीक का मामला सामने आने के बाद भारत में राजनीति जोर पकड़ने लगी है. देश की 2 शीर्ष पार्टियां सत्तारुढ़ बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटी हैं कि किसने फेसबुक डेटा का इस्तेमाल किया और किसने नहीं.
इस बीच बड़ा खुलासा हुआ है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी SCL भारत में डबल गेम खेल रही थी. वह काम तो कांग्रेस पार्टी को जिताने के लिए करने जा रही थी, लेकिन किसी और के इशारे पर उसे हराने के लिए काम करने लगी. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी को झूठा करार दिया.
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि बीजेपी झूठ तैयार करने वाली फैक्टरी है. एक पत्रकार ने इस खबर को ब्रेक किया कि कैसे कैम्ब्रिज एनालिटिका को 2012 में कांग्रेस को हराने के लिए भुगतान किया गया. और अब बीजेपी अपने केंद्रीय मंत्रियों को झूठ बोलने के लिए लगा दिया है और सीए के साथ कांग्रेस के जुड़ने की झूठी खबर फैला रहे हैं.
खुलासा में यह बात सामने आई है कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम की शिप्रा सन सिटी के एक छोटे से फ्लैट से भारत में कैम्ब्रिज एनालिटिका (CA) के कारोबार का संचालन तत्कालीन सीईओ अलेक्जैंडर निक्स और उनके भारतीय साझेदार मिलकर करते थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कैम्ब्रिज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस लेबोरेटरीज (SCL) ने भारत में अपना बेस बनाने का निर्णय लिया.
एससीएल के तत्कालीन इंडिया डायरेक्टर अवनीश राय ने इस बात का खुलासा किया है कि कंपनी ने भारत में क्या गुल खिलाए. राय ने बताया कि कंपनी के पहले ग्राहक केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा थे, जो 2009 के चुनावों में खुद को मिली हार का विश्लेषण चाहते थे. जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी ने अवनीश राय के साथ मिलकर काम शुरू किया.
इसके बाद साल 2011 में सीए के तत्कालीन सीईओ ब्रिटेन के अलेक्जैंडर निक्स ने एक और व्यक्ति अलेक्जैंडर ओकेज के साथ मिलकर भारत में राजनीतिक दलों के लिए डेटा कलेक्शन का काम शुरू किया और उन्होंने अवनीश-अमरीश की कंपनी ओवलेनो के साथ पार्टनरशिप की.
साल 2012 में राय ने एक शीर्ष बीजेपी नेता के लिए आंकड़े जुटाए थे, जिसमें उनसे कहा गया था कि यूपी चुनावों के लिए बूथ, उम्र और जाति के आधार पर मतदाताओं के बारे में जानकारी जुटाएं.
राय ने बताया कि निक्स ने 2012 के चुनाव से पहले 5 लोकसभा क्षेत्र में काम कर उसका डेटा बेस राहुल गांधी को गिफ्ट करने का निर्णय लिया. उसे लगा था कि इस तरह से 2014 के आमचुनाव से पहले वह कांग्रेस से बड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल हो जाएगा.
बाद में भारतीय मूल की एक महिला के यहां काम करने आने पर पता चला कि ब्रिटेन की इस टीम को गुजरात के एक कारोबारी ने पैसा दिया है, जो कांग्रेस को हराना चाहते हैं. यह एक डबल गेम था. अलेक्जैंडर निक्स और उनकी कंपनी कांग्रेस से डील करने की कोशिश कर रही थी, यानी वह पैसा तो कांग्रेस के लिए माहौल बनाने के लिए लेती, लेकिन वास्तव में उसे हराने के लिए काम करती. इस मसले पर ब्रिटिश और भारतीय साझेदारों में विवाद हुआ और दोनों के रास्ते अलग हो गए.
हालांकि अब मामला सामने आने के बाद देश में इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने वाली फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. कैम्ब्रिज एनालिटिका ने इस डेटा के आधार पर राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को जिताने के लिए माहौल बनाया.