सीबीआई ने एक भगोड़े आरोपी को 24 साल बाद बेंगलुरू में उसके भाई के घर से गिरफ्तार कर लिया. उस पर फेसबुक के जरिए नजर रखी गई और उसका पता लगाया गया.
मुंबई निवासी दीपक पोद्दार ने 1985-89 में कथित तौर पर करीब 67.15 लाख रुपये के विदेशी विनिमय की धोखाधड़ी की थी और सीबीआई के हर कदम को धता बताते हुए फरार हो गया था. एजेंसी मुख्यालय में पदस्थ सीबीआई निरीक्षक रूपेश श्रीवास्तव ने इस बाबत हार नहीं मानी.
उन्होंने फेसबुक पर पोद्दार जैसे प्रोफाइलों में खोजबीन जारी रखी. सीबीआई के सूत्रों के अनुसार महीनों तक तलाशी के बाद श्रीवास्तव ने एक प्रोफाइल पर ध्यान केंद्रित रखा, जिसके दोस्तों की सूची में फरार आरोपी के बच्चों जैसे नाम थे.
हालांकि बच्चों ने पोद्दार को अपना पिता नहीं बताया और सीबीआई ने बच्चों के दोस्तों की सूची में शामिल उसके परिजनों तथा दोस्तों पर नजरें रखीं.
अंतत: एजेंसी ने पोद्दार का पता लगा लिया, जो बेंगलुरू में अपने भाई के घर में छिपा हुआ था. एजेंसी ने पोद्दार पर 30 दिसंबर, 1996 को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य अपराध के आरोपों में आरोपपत्र दाखिल किया था. सीबीआई प्रवक्ता ने यहां कहा कि जांच के दौरान कथित आरोपी का पता नहीं चल सका और उसके खिलाफ मुकदमे को निष्क्रिय रखा गया.
सतत प्रयासों के बाद सीबीआई ने बेंगलुरू में भगोड़े अपराधी के होने का पता लगा लिया और उसके छोटे भाई के व्यापारिक प्रतिष्ठान से उसे गिरफ्तार कर लिया.