महाराष्ट्र पुलिस ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के दौरान मुंबई बंद के विरोध में फेसबुक पर टिप्पणी करने के चलते गिरफ्तार की गई दो लड़कियों के खिलाफ मामला वापस लेने का गुरुवार को फैसला किया.
लड़कियों के खिलाफ मामला वापस लेने का फैसला ऐसे दिन किया गया है जब उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 ए के तहत आने वाले अपराधों को लेकर हाल में हुई गिरफ्तारियों पर स्वत: संज्ञान लेने पर विचार कर रहा है.
वहीं, मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के संदेह में हिरासत में लिए गए पड़ोसी ठाणे जिले के 19 साल के एक लड़के को रिहा कर दिया गया है. दरअसल, पुलिस ने पाया कि इस लड़के नाम से कुछ लोग फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे.
पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने कहा कि पालघर से दो लड़कियों की गिरफ्तारी के मामले में कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जाएगा. मामला बंद करने की एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. अदालत में पुलिस द्वारा मामला बंद करने की रिपोर्ट आम तौर पर तब दायर की जाती है जब जांचकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि आरोपियों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है.
गौरतलब है कि 21 वर्षीय शाहीन ढाडा और रेनु श्रीनिवासन को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब शाहीन ने 18 नवम्बर को ठाकरे के अंतिम संस्कार की वजह से मुंबई बंद के बारे में फेसबुक पर टिप्पणी की थी. रेनु ने इस टिप्पणी को ‘पसंद’ किया था. इन दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था हालांकि दोनों को बाद में जमानत मिल गई थी.
शाहीन ने हालांकि, ठाकरे का नाम नहीं लिया था. शिवसेना के एक स्थानीय नेता ने लड़कियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर दोनों लड़कियों को 19 नवम्बर को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस के इस कदम की काफी निन्दा हुई थी.
20 नवम्बर को पुलिस ने उन लोगों को गिरफ्तार किया जिन्होंने शाहीन के चाचा के अस्पताल में तोड़फोड़ की थी जबकि उसी दिन शाहीन ने फेसबुक से टिप्पणी हटा दी थी और माफी मांग ली थी.
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को दो पुलिस अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक (ठाणे ग्रामीण) रविंद्र सेंगांवकर और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्रीकांत पिंगले, को लड़कियों की गिरफ्तारी के मामले में निलंबित कर दिया था. दोनों पुलिस अधिकारियों के निलंबन के खिलाफ पालघर नगर और ठाणे जिले के आसपास के इलाकों में शिवसेना के आह्वान पर बंद रहा था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुनिल विश्वकर्मा इस मामले में अब सहयोग कर रहा है. शुरूआती पूछताछ के बाद उसे बीती रात छोड़ दिया गया.