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ये भारतीय पायलट उर्वीशा जरीवाला की तस्वीरें नहीं जिसने जैश के आतंकी ठिकाने पर बम गिराया

जब से भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर हमला किया है, तब से काफी लोग भारतीय वायुसेना के जाबाज़ सितारों को बधाई दे रहे हैं, जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसी सिलसिले में कई सोशल मीडिया पोस्ट का दावा है कि उर्वीशा जरीवाला नाम की पायलट भी भारतीय एक्शन का हिस्सा हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला करने वाले भारतीय पायलटों में महिला पायलट उर्वीशा जरीवाला
फेसबुक पर कुछ यूज़र्स ने
सच्चाई
ये दोनों ही तस्वीरें किसी और की हैं, उर्वीशा जरीवाला की नहीं हैं.

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भारतीय फाइटर जेट के पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला करने की खबर जैसे ही आई, वैसे ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें सामने आने लगीं. ऐसे ही कुछ पोस्ट महिला पायलटों के बारे में हैं, ज्यादातर पोस्ट्स का दावा है कि महिला पायलट उर्वीशा जरीवाला भी इन 12 पायलटों में से थीं, जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दोनों ही पोस्ट में जो फोटो है, वो दरअसल, किसी और के हैं.

जबसे भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर हमला किया है, तब से काफी लोग भारतीय वायुसेना के जाबाज़ सितारों को बधाई दे रहे हैं, जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसी सिलसिले में कई सोशल मीडिया पोस्ट का दावा है कि उर्वीशा जरीवाला नाम की पायलट भी भारतीय एक्शन का हिस्सा हैं. एक पोस्ट में लिखा गया है कि “हवाई हमले की पायलट सूरत की #उर्वीशा_जरीवाला भी थी”. ये पोस्ट यहां देखें.

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वहीं एक दूसरा पोस्ट ये है जिसका दावा है कि “#सूरतवासियों_के_लिए_गौरव_की_खबर हवाई हमले की पायलट सूरत की उर्वीशा जरीवाला थीं”.

इंडिया टुडे ने दोनों ही पोस्ट का रिवर्स सर्च किया तो पाया कि ये तरवीर दरअसल उर्वीशा जरीवाला की नहीं है. ये तस्वीर दरअसल युनाइटेड अरब अमीरात की पायलट मेजर मरियम अल मन्सौरी की है. इनके बारे में खबर यहां देखी जा सकती है.

वहीं दूसरी तस्वीर भी उर्वीशा जरीवाला की नहीं है, बल्कि ये है स्क्वाडर्न लीडर स्नेहा शेखावत की.  2015 की एक खबर में इनकी यही फोटो यहां देखी जा सकती है.

दरअसल, आमतौर पर इस तरह के ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के नाम जग जाहिर नहीं किए जाते हैं. भारतीय वायुसेना और भारत सरकार ने भी 26 फरवरी को हुए पूरे ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों के नाम इस वक़्त गुप्त रखे हैं. इस वजह से ये कहना कि किसी महिला अधिकारी ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया, ये कहना, अटकलों के बाज़ार को गरम करने जैसा होगा.

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