‘सिर्फ एक ही पशु है जो ऑक्सीजन ना सिर्फ सांस के जरिए शरीर के अंदर लेती है बल्कि उसे बाहर भी छोड़ती है और वो है गाय.’ ये चकराने वाला दावा और किसी ने नहीं बल्कि उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्या ने किया है.
मंत्री ने बुधवार को ये टिप्पणी उत्तराखंड विधानसभा में गाय को ‘राष्ट्रमाता’ का दर्जा देने की मांग वाले प्रस्ताव को पास किए जाते वक्त की. न्यूज़ एजेंसी PTI समेत कई मीडिया संस्थानों ने रेखा आर्या के बयान पर रिपोर्ट प्रकाशित की.
विशेषज्ञों ने इस दावे को बकवास करार दिया है. विशेषज्ञों के मुताबिक इस पृथ्वी पर पेड़-पौधों को छोड़ कर ऐसा कोई भी जीवित प्राणी नहीं है जो शरीर से ऑक्सीजन बाहर छोड़ता हो. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के दौरान पेड़-पौधे ऑक्सीजन को वेस्ट प्रोडक्ट के तौर पर बाहर छोड़ते हैं.
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने बयान की पुष्टि के लिए रेखा आर्या से संपर्क किया तो उन्होंने अपने बयान को दोहराया, ‘मैं मानती हूं कि गाय ऑक्सीजन ना सिर्फ शरीर के अंदर लेती है बल्कि बाहर भी छोड़ती है. गाय दूध और घी जैसे कई उत्पादों की सबसे शुद्ध अवस्था की स्रोत है. इसलिए ये गारंटी है कि उसके अंदर कोई नकारात्मक ऊर्जा नहीं होती. इसी अवधारणा के आधार पर मैं सोचती हूं कि गाय ऑक्सीजन शरीर के अंदर लेने के साथ बाहर भी छोड़ती है.’
फैक्ट चेक टीम ने दिल्ली विश्वविद्यालय में जन्तु विज्ञान (Zoology) प्रोफेसर से संपर्क किया जिन्होंने जन्तुओं में श्वसन-तंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को बताया. हिन्दू कॉलेज में जन्तु विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर सोमा एम घोराई ने कहा, ‘जो 21% ऑक्सीजन सांस के जरिए हम शरीर के अंदर लेते हैं, उसमें से 4-5% का ही मुश्किल से उपयोग होता है. बाकी वैसे ही बची रहती है. हम कार्बन डाई ऑक्साईड और अन्य गैसों (जिसमें बची हुई ऑक्सीजन भी शामिल है) को बाहर निकालते हैं. ये प्रकिया गाय समेत सभी जन्तुओं पर लागू होती है.’
इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के मुताबिक, “श्वसन सभी जीवित प्राणियों में श्वसन तंत्र ही ऐसा तंत्र है जो ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन अंदर लेता है और कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर छोड़ता है. जीवित प्राणियों में कार्बन वाले अणुओं के ऑक्सीडेशन से कार्बन डाई ऑक्साइड के साथ ऊर्जा का प्रस्फुटन होता है.”