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फैक्ट चेक : राफेल ‘सीक्रेसी पैक्ट’ पर कभी ये तो कभी वो

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमानों की डील का इस्तेमाल शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार पर आरोपों की बरसात के लिए किया. राहुल ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बोल रहे थे.

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राहुल गांधी और निर्मला सीतारमण
राहुल गांधी और निर्मला सीतारमण

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमानों की डील का इस्तेमाल शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार पर आरोपों की बरसात के लिए किया. राहुल ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बोल रहे थे.   

राहुल गांधी का आरोप :  रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘झूठ’ बोला कि फ्रांस के साथ लड़ाकू विमान के लिए 2016 का समझौता फ्रांस और भारत के बीच द्विपक्षीय गोपनीयता की शर्त से बंधा था.

कांग्रेस अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने खुद इनकार किया था कि उपरोक्त कॉन्ट्रेक्ट गोपनीयता की किसी शर्त से बंधा था.

राहुल गांधी ने संसद में कहा, ‘मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से निजी तौर पर मिला था. मैंने उनसे पूछा कि क्या भारत और फ्रांस के बीच क्या कोई सीक्रेट पैक्ट है तो फ्रांस के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच सीक्रेट पैक्ट होने से इनकार किया.’  

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राफेल संबंधी रिपोर्ट्स के फैक्ट चैक से पता चलता है कि सरकार और विपक्ष, दोनों इस मुद्दे पर ‘कभी कुछ तो कभी कुछ’  वाला रवैया दिखाते रहे. बता दें कि भारत ने फ्रांस की डसाल्ट कंपनी को मूल रूप से 2012 में 126 लड़ाकू जेट के कॉन्ट्रेक्ट के लिए आर्डर दिया था. चार साल बाद मोदी सरकार ने डील का एलान किया तो लड़ाकू जेट की संख्या घटाकर 36 कर दी गई.

राफेल से जुड़ी जानकारी को तिथिवार लेखाजोखा इस प्रकार है.....

17 नवंबर, 2017

इस तारीख को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में जानकारी साझा करने का वादा किया. सीतारमण ने मीडिया से कहा, ‘डील को पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के साथ अंतिम रूप दिया.’ रिपोर्टरों ने जब बार-बार रक्षा मंत्री से पूछा कि यूपीए सरकार के वक्त प्रत्येक विमान की कितनी कीमत पर सहमति बनी थी और पिछले साल डील को मंजूर करते हुए किस कीमत पर बात बनी तो रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को मीडिया को डील से जुड़े आंकड़ें उपलब्ध कराने के लिए कहा.

5 फरवरी , 2018:

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के नई दिल्ली दौरे से एक हफ्ता पहले रक्षा मंत्री सीतारमण ने राफेल की डिटेल्स साझा करने से इनकार किया. उन्होंने अंतर-सरकार सूचना के तहत डिटेल्स को ‘गोपनीय सूचना’ बताया. रक्षा मंत्री ने ये जवाब समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल के सवाल के जवाब में दिया था. अग्रवाल ने जानना चाहा था कि क्या सरकार डील को सार्वजनिक डोमेन से दूर रखना चाहती है.

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8 मार्च, 2018:

इंडिया टुडे ने राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा को दिया इंटरव्यू प्रकाशित किया. फ्रांस के राष्ट्रपति ने डील से जुड़े वाणिज्यिक पहलुओं की जानकारी देने से इनकार किया था.  

राज चेंगप्पा- डील की जानकारी का खुलासा क्यों नहीं किया जा सकता जिससे कि स्थिति साफ हो और आरोपों को हवा मिलनी बंद हो सके?

राष्ट्रपति मैक्रों- पहली बात, आप ऐसे वाणिज्यिक समझौते करते हैं तो जाहिर है कि आपके प्रतिस्पर्धी भी होते हैं. इसलिए डील की डिटेल्स उन तक हम नहीं पहुंचने दे सकते. भारत और फ्रांस में, जबकि डील बहुत संवेदनशील है, हम कारोबारी कारणों से डिटेल्स को नहीं खोल सकते.

दूसरी बात, भारत सरकार की ओर से कुछ विचार विमर्श आयोजित किए गए, और ये उन्हें सोचना है कि अपनी संसद और विपक्ष के साथ कौन सी जानकारी को साझा करना है. मैं वो नहीं जो ऐसी चर्चा में दखल दूं. आपको ये समझना चाहिए कि हमें वाणिज्यिक संवेदनशीलताओं को भी देखना होता है.  

12 मार्च,  2018:

राहुल गांधी ने मैक्रों के साथ अपनी बैठक के बारे में ट्वीट किया. “कल, मैं फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मिला. हमने अपने उदार लोकतंत्रों से जुड़े साझा विभिन्न मुद्दों पर विचार किया. फेक न्यूज का मुद्दा भी उठा.” राहुल ने अपने ट्विटर हैंडल पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और फ्रांस के राष्ट्रपति के तस्वीर को भी शेयर किया.

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28 मार्च,  2018:

रक्षा राज्य मंत्री सुभाष बामरे ने संसद को बताया कि गोपनीय डेटा को संरक्षित रखने के लिए एक समझौता भारत और फ्रांस के बीच 10 मार्च, 2018 को एक समझौता हुआ. बामरे टीडीपी सांसद एम श्रीनिवास राव के सवाल का लोकसभा में जवाब दे रहे थे. राव ने सवाल किया था कि क्या नई दिल्ली और पेरिस के बीच राफेल को लेकर कोई नया गोपनीयता का समझौता हुआ है.

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