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मंथन में बोले फड़नवीस- सेलिब्रेशन की बजाय स्कीम्स जनता तक पहुंचाएंगे

महाराष्ट्र में फड़नवीस सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज तक द्वारा आयोजित मंथन कार्यक्रम के पहले सत्र को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की और सवालों के जवाब दिए. फड़नवीस ने कहा कि सरकार जनता के हित में दूरगामी नीतियों के साथ काम कर रही है.

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मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस
मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस

महाराष्ट्र में फड़नवीस सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज तक द्वारा आयोजित मंथन कार्यक्रम के पहले सत्र को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की और सवालों के जवाब दिए. फड़नवीस ने कहा कि सरकार जनता के हित में दूरगामी नीतियों के साथ काम कर रही है.

सवाल: एक साल कितना कमाल?
देवेंद्र फड़नवीस: सेलिब्रेशन की बजाय स्कीम्स जनता तक पहुंचाएंगे.

सवाल: सिर्फ आप ही बोल रहे हैं, क्या महाराष्ट्र में सत्ता सिर्फ आपकी है?
देवेंद्र फड़नवीस: महाराष्ट्र में सत्ता बीजेपी और शिवसेना की है. जनता चाहती है कि हम दोनों साथ में आकर सत्ता चलाए. अगर कोई हमारे साथ खड़ा है, गैनकानूनी काम करेगा तो हम कार्रवाई करेंगे.

सवाल: सुधींद्र कुलकर्णी मामले में क्या कार्रवाई हुई?
देवेंद्र फड़नवीस: आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. आरोप सिद्ध होंगे तो जेल होगी. गुलाम अली वाले कार्यक्रम में आयोज‍क ही बैकआउट कर गए. हमने उनसे संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन पता चला वो चले गए. गुलाम अली कलाकार हैं और वो जगजीत सिंह को श्रदांजलि देने आए थे. उन्हें किसी बंधन में नहीं बांध जा सकता. ऐसे किसी कार्यक्रम के लिए हम हमेशा तैयार हैं.

सवाल: सत्ता ही अगर आतंक फैलाने लगे तो क्या कहेंगे?
देवेंद्र फड़नवीस: कोई भी घटना होती है तो उस घटना को मीडिया बड़ा बना देती है. गुलाम अली जी के कार्यक्रम की तरह ही कसूरी जी के कार्यक्रम को भी मीडिया को दिखाना चाहिए था. वह एक राजनयिक थे, वह राजनयिक वीजा पर भारत आए, हमने उन्हें सुरक्षा दी और उनकी किताब का विमोचन करवाया. यह हमारा राजधर्म है और हमने किया.

सवाल: सत्ता के दो चेहरे, एक कहता है हम नहीं मानेंगे और एक कहता है हम करेंगे?
देवेंद्र फड़नवीस: पुलिस और प्रशासन किसी पार्टी की नहीं सुनती. वह सरकार, गृह मंत्री और कैबिनेट की सुनती है. शि‍वसेना हमारी साथी पार्टी है. लेकिन हम पीछे नहीं हटे. जिस दिन घटना घटी हमने कार्रवाई की. गिरफ्तारी हुई. पार्टियां अगर लोकतांत्रिक तरीके से काम करेगी तो हम साथ देंगे. अलोकतांत्रिक तरीका अपनाएगी तो हम कार्रवाई करेंगे. शि‍वसेना पार्टी है, उसके सदस्य हमारी सरकार का हिस्सा हैं.

सवाल: टोल फ्री के वादे का क्या हुआ?
देवेंद्र फड़नवीस: दो टोल छोड़कर हमने सभी टोल पर आम आदमी को छूट दी. हमने 70 फीसदी छोटी गाड़ि‍यों को टोल पर छूट दी. 64 टोल पर लोगों को पैसा नहीं देना पड़ता है.

सवाल: कृषि मूल्य आयोग?
देवेंद्र फड़नवीस: हमने अभी ये समिति बनाई है, इसे कानून का दर्जा देना चाहता हूं. केंद्र में भी ऐसा आयोग होता है. दाम वही तैयार करता है. हम इस ओर प्रयास कर रहे हैं कि यह समिति केंद्र सरकार को सुझाव भेजे और फिर इस पर कार्य करे. अभी समिति बनी है, कानून दर्जा हमें देना है.

सवाल: आप विदर्भ से आते हैं, सिंचाई स्कैम पर आपका भाषण प्रशंसनीय था. 365 दिन में क्या कुछ हुआ?
देवेंद्र फड़नवीस: इसमें पूरे जोरों से सारी तफ्तीश चल रही है. यह बड़ा कॉम्पीकेटेड मामला है. कुछ लोगों पर कार्रवाई हुई है. जांच हो रही है. तेजी से जांच हो रही है. यह बड़ा तकनीकी काम है. इस ओर सिर्फ पब्लि‍सिटी के लिए कागज जुटाकर काम नहीं कर सकते. भुजबल जी के ख‍िलाफ, अजीत पवार जी के खि‍लाफ उनसे संबंधि‍त मामलों में कार्रवाई हुई है. साफ संकेत है मामला भ्रष्टाचार का है तो जो भी दोषी होगा, चाहे वह जितना भी बड़ा क्यों न हो कार्रवाई होगी.

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सवाल: विलास राव देशमुख ने भी कुछ इसी अंदाज में बात कही थी, आप भी वही कह रहे हैं?
फड़नवीस: विलास राव जी ने क्या कहा वह मैं नहीं जानता. इस राज्य का इतिहास है कि इससे पहले कभी कार्रवाई नहीं हुई. चीफ इंजीनियर के लेवल के लोग जेल जा रहे हैं. कॉन्ट्रैक्टर जेल में हैं. कड़ियां जोड़ी जा रही हैं. जिस दिन सब सबूत होंगे, कार्रवाई होगी.

सवाल: सूखे की समस्या, आप कहते हैं एक भी किसान मरता है तो नींद नहीं आती. तब तो आप 365 दिन नहीं सोए होंगे?

फड़नवीस: देश में जितनी बड़ी सिंचाई परियोजना बनी उसमें से 40 फीसदी योजना महाराष्ट्र में है. 82 फीसदी ड्राई लैंड फार्मिंग महाराष्ट्र में होती है. हमनें सबसे बात की. सुझाव लिया. सूखे से निपटना है तो यह अचानक से दूर नहीं हो सकता. हमने छह हजार 200 गांवों में पहले साल इस ओर योजना चलाई. हम पानी जमा कर रहे हैं. हमने 1400 करोड़ रुपये में ही इस ओर बड़ी उपलब्धि‍ हासिल की. इसमें जनभागीदारी भी महत्वपूर्ण है. हमने छह लाख हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी इक्ट्ठा कर लिया है. हमने हर गांव का वाटर बजटिंग किया है. 2016 के मार्च तक हम 5000 गांव को वाटर न्यूट्रल करके दिखाएंगे.

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सवाल: किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा, किसान आत्महत्या कर रहे हैं?

फड़नवीस: ऐसा नहीं है हमें 1 करोड़ किसानों के खाते में आठ हजार करोड़ रुपया दिया है. यह एक साल में हुआ है. पानी की योजना के तहत हम किसानों को पानी दे रहे हैं. बिजली दे रहे हैं. किसानों की जो आत्महत्या हुई है, उसमें अपने खत में उन्होंने लिखा है कि तीन साल पहले उन्होंने पैसा भरा, लेकिन बिजली नहीं मिली. पुरानी सरकार ने कुछ नहीं किया, इसलिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना पड़ रहा है. हम किसानों को पानी देंगे, बिजली देंगे, कर्जा देंगे किसान निराश नहीं होंगे और वो आत्महत्या नहीं करेंगे. कई जगह ऐसे हैं जहां चार दिन बारिश हुई, लेकिन आज वहां भी पानी है. हमारे कई किसान कैश क्रॉप लेते थे. इस चक्कर में वो जो घर में खाने के लिए गेंहू या चावल लेते थे वो नहीं लेते थे. मौसम की मार पड़ती थी तो उनके घर में खाने के लिए अनाज नहीं होता था. हमने किसानों को फूड सिक्योरिटी योजना से जोड़ा और आज देखिए कि वो भूख से मर नहीं रहा है.

सवाल: साहूकारों का क्या?

फड़नवीस: कोई भी अगर अवैध तरीके से साहूकारी कर रहा है. अगर वह नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो उस पर कार्रवाई होगी. हमारे देश में साहूकारिता का लाइसेंस लिया जा सकता है. जो लोग प्रताड़ित हुए वो अवैध साहूकारों से हुए. कुछ वैध साहूकारों ने जमीनें ले लीं. ऐसे लोगों पर हमने कार्रवाई की. हमने किसानों का कर्जा वापिस किया. किसानों को उनकी जमीनें वापस दिलवाई. साहूकारों के चंगुल से निकलना है कि तो फॉर्मल इंस्टि‍ट्यूशन ऑफ क्रेडिट तैयार करना होगा. हमने निर्णय किया जो सूख ग्रस्त किसान है उसका कर्जा स्थगित किया. मियाद 5 साल की. पहले साल का ब्याज राज्य सरकार भरेगी और चार साल का आधा ब्याज भी राज्य सरकार भरेगी.

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सवाल: विदेशी निवेश आ रहा है?

फड़नवीस: हमारा देश इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर इम्पोर्ट करते हैं. 90 फीसदी टीवी स्क्रीन्स हम आयात करते हैं इसलिए हमने इस ओर संभावना की तलाश की. विदेशी कंपनियों के पीछे लगे और करोड़ों-अरबों का निवेश महाराष्ट्र आ रहा है. महाराष्ट्र में एक लाख करोड़ का निवेश हुआ.

सवाल: विदेशी कंपनी आएगी तो अधि‍कारी भी आएंगे, लोग आएंगे तो बीफ भी खाएंगे?

फड़नवीस: हमारे देश के 25 राज्यों में बीफ बैन है. हमारे राज्य में गोमांस 70 के दशक से बैन है. बफेलो के मांस पर कोई रोक नहीं है. गोमांस और गोवंश की हत्या पर हमारी आपत्ति‍ है. बफेलो मीट का सबसे ज्यादा निर्यात महाराष्ट्र से होता है. हाई कोर्ट ने जिसको मान्यता दी है, उसमें गोवंश में बफेलो नहीं आता.

सवाल: गो वध का जिक्र होते ही हिंदुत्व का भाव आ जाता है. आपकी मान्यता क्या है?

फड़नवीस: हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है. इसमें सबसे अधि‍क महत्व सहिष्णुता का है. दुनिया ने जिनको नकारा, वह इस देश में आए और हमारी सं‍स्कृति के साथ आगे बढ़ते चले गए. जहां तक कुछ लोगों का सवाल है, जो हिंदुत्व का नाम लेकर संविधान के खि‍लाफ काम करते हैं चाहे वो बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक उस पर कार्रवाई होगी.

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सवाल: शि‍वसेना के हिंदुत्व का क्या?

फड़नवीस: उनके हिंदुत्व का जवाब वो देंगे. जो हमारी मान्यताएं हैं उनकी ओर देखने का हर आदमी का अपना नजरिया हो सकता है.

सवाल: शि‍वसेना के साथ आप दिक्कत में है?

फड़नवीस: ऐसा कुछ नहीं है. मीडिया को खबर चाहिए, इसलिए ऐसी बातें चलती हैं.

सवाल: सामना में ऐसी बातें छपती हैं?

फड़नवीस: मूलरूप से सामना हमारे के लिए एक समाचार पत्र की तरह है. दो पार्टियां हैं तो दो विचार होंगे. अगर सबकुछ एक जैसा होता तो हम अलग-अलग क्यों होते. हम दोनों को कांग्रेस एनसीपी के खिलाफ जनता ने चुना, इसलिए साथ आए. आचार-विचार और कार्यशैली अलग-अलग है.

सवाल: सबसे बड़ी समस्या या संकट क्या है?

फड़नवीस: हमारे के लिए कृषि सबसे बड़ी प्राथमिकता है. हमारी कोशिश इसकी उत्पादकता बढ़ाना और इसपर आधारित रोजगार के अवसर बढ़ाना है. तभी महाराष्ट्र आगे बढ़ेगा. 2019 के लिए हमारा टारगेट सूखा मुक्त महाराष्ट्र है.

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